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सरना धर्म कोड की मांग खारिज कर आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव

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राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति की राज्यस्तरीय बैठक बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष देवेंद्रनाथ चंपिया की अध्यक्षता में विधानसभा आवास के क्लब हॉल में हुई. समिति के संयोजक सह पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने बताया कि बैठक में इस बात पर सबकी सहमति थी है कि सरना धर्म कोड पर चल रही राजनीति अनुचित है, क्योंकि किसी भी देश में किसी पूजा स्थल के नाम पर धर्म या धर्म कोड नहीं है.बैठक में शामिल 32 आदिवासी समुदायों ने सर्वसम्मति से सरना धर्म कोड की मांग को खारिज किया और सर्वसहमति से आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित किया है.

पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, संथाल समाज के परानिक बाबा रामचंद्र मुर्मू, कालीचरन बिरूवा, प्रेमशाही मुंडा, अभय भूटकुंवर, बालमुकुंद लोहरा, नंद किशोर सिंह खेरवार, लक्ष्मण सिंह चेरो, भारत जकात मांझी परगना महल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र मुर्मू, शास्त्री हेम्ब्रोम, मानकी मुंडा संघ के कालीचरण बिरूवा, शांति सवैया, आदिवासी मुंडा समाज के अध्यक्ष दामु मुंडा, सोमा मुंडा ,

राजी पड़हा के अध्यक्ष दीनु उरांव, आदिवासी लोहरा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष बालमुकुंद लोहरा, महली समाज से रामलखन महली, झारखंड चीक बड़ाईक युवा संगठन से अध्यक्ष अशोक बड़ाईक,बेदिया समाज से कामेश्वर बेदिया, चेरो विकास समिति लातेहार के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह चेरो, खरवार आदिवासी उत्थान समिति के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह, करमाली समाज से प्रो जगदीश करमाली, आदिवासी खड़िया विकास समिति के अध्यक्ष मणि खड़िया, आदिवासी भूमिज समाज झारखंड के अध्यक्ष जयपाल सिंह सरदार व गोड़ाईत समाज से देवकीनंदन गोड़ाईत.