झारखंड में अनलाॅक के बाद अचानक आलू-प्याज की कीमतों में उछाल आ गया है। अब इसका सीधा असर आलू की खेती करने वाले किसानों पर पड़ रहा है। लाॅकडाउन में किसानों ने कौड़ी के भाव में आलू बेच दिया था। अब उसे खरीदने के लिए पांच गुना ज्यादा राशि दे रहे हैं। किसान बताते हैं कि लाॅकडाउन में माल निकालने के लिए उन्होंने 8-10 रुपये किलो आलू बेचे थे।
अब खुद के खाने के लिए पचास रुपये किलो खरीद रहे हैं। वही बीज के लिए आलू खरीदने में पसीना निकल रहा है। बोआई, सिंचाई, खाद और मजदूरी निकालने के बाद आलू की फसल से बचत कर पाना किसानों के लिए मुश्किल लग रहा है। ऐसे में किसान आलू की खेती से कतरा रहे हैं। अगर ऐसा रहा तो अगले वर्ष फसल का उत्पादन कम होने से एक बार फिर से दाम बढऩा तय है।
आलू की बोआई अक्टूबर से लेकर 15 नवंबर तक कर दी जाती है। हालांकि रांची, खूटी और आसपास के कुछ इलाकों से अगाती आलू अभी बाजार में आना शुरू हो गया है। मगर मुख्य फसल जनवरी से फरवरी के बीच में ही आएगी। किसान बता रहे हैं कि उन्हेंं आलू का बीज 1800 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल खरीदना पड़ रहा है।
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