टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) ने नोवामुंडी के 187 आदिवासी बच्चों का दाखिला केरला पब्लिक स्कूल में कराया है ताकि आदिवासी बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें।
टाटा स्टील फाउंडेशन के अधिकारियों का मानना है कि नोवामुंडी की धरती पर कई होनहार आदिवासी बच्चे हैं। लेकिन विडंबना है कि उन्हें नर्सरी और प्राथमिक शिक्षा ठीक से नहीं मिल पाती। जबकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही सामाजिक विकास को गति प्रदान करते हुए उनके प्रगति का मार्ग भी बनाती है। इसी उद्देश्य से टाटा स्टील फाउंडेशन ने 187 आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए पूरे प्रोजेक्ट को प्रायोजित किया है।
पश्चिम सिंहभूम के 36 गांवों से पढ़ने के इच्छुक बच्चों का चयन कर उनका दाखिला जगन्नाथपुर स्थित केरला इंग्लिश मीडियम स्कूल में कराया है जहां बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही बेहतर शिक्षकों की एक टीम भी है जो बच्चों को शिक्षित करेगी। टाटा स्टील फाउंडेशन ने वर्ष 2012 में इस स्कूल के साथ एक करार किया था और पहले बैच में 27 लड़के-लड़कियों का दाखिला करवाया था। फाउंडेशन अपने प्रायोजित कार्यक्रम में बच्चों का ट्यूशन फीस, उनका हॉस्टल फीस, स्टेशनरी, स्कूल यूनीफार्म सहित अन्य खर्च कर वहन करेगा।
इस प्रायोजित प्रोग्राम के तहत नोवामुंडी की लक्ष्मी व रोया सोरेन क्रमश: छठी में और चौथी कक्षा में पढ़ते हैं और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलते हैं। ये बच्चे बड़े होकर डाक्टर बनना चाहते हैं। फाउंडेशन के अधिकारियों का कहना है कि हमने भविष्य की युवा पीढ़ी को सामान्य वर्ग के साथ बराबर की जमीन उपलब्ध कराई है जो उनकी आर्थिक और सामाजिक बाधाओं को दूर करेगा। साथ ही लक्ष्मी और रोया जैसे छोटे बच्चे अपने सपने पूरे कर आदिवासी समाज के सामने बेहतर भविष्य की नींव भी रखेंगे।
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