रांची जिला प्रशासन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय गंगा उत्सव का समापन बुधवार को हो गया। इसके तहत कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन्हीं में से एक थी निबंध प्रतियोगिता। इसमें एक हजार बच्चों ने जलाशयों और जल स्रोतों के संरक्षण से संबंधित निबंध लिखकर भेजे। चूंकि इन निबंधों का मूल्यांकन एक दिन में करना संभव नहीं था।
इसलिए इनके मूल्यांकन के लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित किया गया। एक सप्ताह में जब सभी निबंधों का मूल्यांकन हो जाएगा तो विजेताओं की घोषणा की जाएगी। बताते चलें कि उत्सव का समापन बुधवार की शाम को ही आड्रे हाउस में हो गया। आखिरी दिन नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने पेंटिंग, रंगोली आदि प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया।
कार्यक्रम के जिला समन्वयक उप समाहर्ता संजय कुमार ने बताया कि नमामि गंगे, नदी संरक्षण या जल संरक्षण थीम पर आधारित पेंटिंग से संबंधित लगभग 1000 प्रविष्टियां प्राप्त हुई, किंतु उनमें से चयनित 95 बेहतर पेंटिंग्स को आड्रे हाउस परिसर में सार्वजनिक तौर से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में पेंटिंग्स को अतिथियों ने बहुत सराहा।
प्रदर्शन के लिए चुनी गई सभी प्रविष्टियों के प्रतिभागियों को सहभागिता का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। जो दूरदराज के चयनित प्रतिभागी छात्र कार्यक्रम में नहीं बुलाए जा सके, उन्हें उनके विद्यालय द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा। प्रतियोगिता की विशेष बात यह रही कि इन प्रतिभागियों में छात्राओं की संख्या तीन चौथाई के आसपास रही।
कार्यक्रम में सूडा के निदेशक अमित कुमार, रांची के डीडीसी अनन्य मित्तल, डीआरडीए डायरेक्टर, नजारत उप समाहर्ता, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी तथा शिक्षक और प्रतिभागी मौजूद थे।
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