केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के बंगाल दौरे के एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आदिवासी (Adivasi), पिछड़े (Backward class) व अनुसूचित जातियों ( Schedule caste) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कीं और उनके लिए कई कल्याकारी योजनाओं की घोषणा कीं.
इनमें आदिवासी और बांग्लादेशी शरणार्थियों को जमीन का पट्टा देने, मतुआ (Matua) समुदाय के लिए विकास कल्याण बोर्ड के गठन, आदिवासी समुदाय के लिए सांस्कृतिक बोर्ड के गठन, अनुसूचित जाति-जनजातियों को जन्म प्रमाण पत्र देने के प्रावधान को सरल बनाने जैसी कई घोषणाएं कीं.
बंगाल की राजनीति में मतुआ, मांझी, बाउड़ी आदि समाज का विशेष प्रभाव है. सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को नबान्न में आदिवासी समुदाय, मतुआ, बाउड़ी, मांझी और बाउड़ी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने आदिवासियों को साढ़े तीन लाख जमीन का पट्टा देने की घोषणा की है.
इनमें ढ़ाई लाख पट्टा भूमिहीनों को दे दिया गया है. आज 25 हजार लोगों को पट्टटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मतुआ संप्रदाय के लिए डेवल्पमेंट बोर्ड बनाने का निर्णय किया है. इस बोर्ड के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड देने की घोषणा की गयी. इसके साथ ही प्रत्येक आदिवासी समुदाय के लिए एक कल्चरल बोर्ड का गठन किया जायेगा.
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