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जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव मामूली ग्लूकोमा के इलाज के लिए फिर जाएंगे दिल्ली

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अभी एम्स दिल्ली में जिस बीमारी का इलाज कराकर एक महीने पहले बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के सजावार बंदी सह झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव लौटे थे, उन्हें फिर दिल्ली जाने की अनुमति मिल गई है। उन्हें महज मामूली सी ग्लूकोमा की बीमारी है। इसके लिए डॉक्टरों के बोर्ड ने एक बार फिर उन्हें एम्स दिल्ली जाने की अनुमति दे दी है। इस बार उन्हें 15 दिनों की अनुमति मिली है।

सुरक्षा-व्यवस्था मिलते ही उन्हें दिल्ली भेज दिया जाएगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि ग्लूकोमा का इलाज रांची में भी संभव है। यहां भी कई बड़े अस्पताल हैं, बावजूद एम्स दिल्ली के लिए बोर्ड की अनुशंसा समझ से परे है। 15 दिनों के लिए अनुमति मिलना भी चर्चा में है, जबकि इलाज में उतने दिन नहीं लगते। एक माह पूर्व भी 31 अगस्त से 30 सितंबर तक के लिए इसी बीमारी के इलाज के सिलसिले में योगेंद्र साव एम्स दिल्ली गए थे।

उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का लोकेशन दिल्ली के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू व उत्तर प्रदेश मिला। योगेंद्र साव के भी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से मुलाकात करने और घूमने-फिरने की खबर आई। शिकायत मिलने के बाद रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा ने मामले की जांच कराई और पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप की पुष्टि हुई।

एसएसपी ने सभी छह को निलंबित कर दिया था। इतने कारनामों के बाद योगेंद्र साव का दिल्ली जाना चर्चा में है। डॉक्टरों के बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर कारा महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के अधीक्षक हामिद अख्तर को यह अनुमति दे दी है कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को दिल्ली ले जाया जा सकता है।पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के लिए कानून तोडऩा नई बात नहीं है। पूर्व में राज्य बदर किए जाने के बावजूद वे झारखंड पहुंचे और देवघर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हुए उनकी तस्वीर व वीडियो वायरल हुआ था। पूर्व में भी रिम्स में उनके इलाजरत रहने के दौरान जेल मैनुअल तोडऩे के मामले में सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। योगेंद्र साव को एक कंपनी से रंगदारी मांगने के आरोप में ढाई साल की सजा कोर्ट ने सुनाई है। उन पर कुछ अन्य मामले भी दर्ज हैं।