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PAGD को मिला कश्मीरी पंडितों के एक वर्ग का साथ, कश्मीर में वापसी और पुनर्वास पर सहमति बनी

पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कश्मीरी पंडिताें की मदद लेने का फैसला किया है। कश्मीरी पंडितों का एक वर्ग भी इस पर राजी हो गया है। बदले में पीएजीडी कश्मीरी पंडितों की वादी में वापसी और पुनर्वास को सुनिश्चित बनाने के साथ ही जम्मू कश्मीर के वार्षिक बजट एक प्रतिशत हर साल कश्मीरी पंडितों के कल्याण के लिए अलग से खर्च करेगा। सिर्फ यही नहीं, पीएजीडी ने जम्मू प्रांत में अपना दायरा और प्रभाव बढ़ाने के लिए विभिन्न राजनीतिक, व्यापारिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को यकीन दिलाया है कि वह भारतीय संविधान या राष्ट्रध्वज के खिलाफ नहीं है। उसकी लड़ाई सिर्फ और सिर्फ जम्मू कश्मीर व इसके नागरिकों की विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक पहचान औेर अधिकारों के लिए है।

डाॅ फारूक अब्दुल्ला के घर पर शनिवार सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक चले बैठकाें के इस दौर में गुज्जर-बक्करवाल, गद्दी-सिप्पी, सिख, दलित, अनुसूृचित जनजातियों के विभिन्न संगठनों ने जिनमें से अधिकांश प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रु़प से नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी या फिर माकपा से जुडे हुए हैं, शामिल हुए। ट्रांसपोर्टरो और व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने भी पीएजीडी नेताआें स मुलाकात की। कश्मीरी पंडितों के संगठन रिकांसिलिएशन एंड रिहैबलीटेशन ऑफ माइग्रेंट पंडित के अध्यक्ष सतीश महालदार पीएजडी की बैठक में शामिल होने दिल्ली से जम्मू पहुंचे थे। पैंथर्स पार्टी के संरक्षक और संस्थापक प्रो भीम सिंह ने भी पीएजीडी के नेताओं साथ मुलाकात की। उन्हें इस मुलाकात के लिए अपने संगठन से बाहर होने का फरमान भी सुनने को मिला।