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बसों की सीटें खाली रहने से संचालक परेशान, भाड़ा को लेकर संशय बरकरार

राज्य के अंदर और दूसरे राज्यों के लिए रविवार से सोशल डिस्टैंसिंग फ्री बसाें का परिचालन शुरू हो गया है. सभी जगहों के लिए बसों का परिचालन शुरू होने से एजेंट, संचालक व स्टाफ खुश दिखे. हालांकि यात्रियों की संख्या कम होने के कारण संचालक परेशान दिखे. बताया जाता है कि दीपावली के बाद यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा. खादगढ़ा बस स्टैंड में रविवार को रौनक दिखी.

इधर, विभिन्न अखबारों में अलग-अलग किराया की दर प्रकाशित होने से किराया को लेकर यात्री कंफ्यूज दिखे. वहीं एजेंटों का कहना है कि यात्रियों की संख्या अभी काफी कम है. इसके अलावा डीजल में 15 रुपये की बढ़ोतरी व सैनिटाइजेशन, मास्क में खर्च और ड्राइवर के केबिन में यात्रियों को नहीं बैठाने के आदेश से बस संचालकों को काफी नुकसान हो रहा है. फिर भी वे लोग लॉकडाउन के पहले का ही किराया यात्रियों से ले रहे हैं.

कुछ यात्रियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले की दर से थोड़ा ज्यादा पैसा लिया जा रहा है. ऐसे में यात्री कहां और किससे शिकायत करें, इसके लिए विभाग या जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.

इस बीच यह बात भी सामने आयी कि दुमका व पलामू में वहां के स्थानीय एसोसिएशन ने बस किराये में 10 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है. हालांकि झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन ने अगला निर्णय होने तक लॉकडाउन के पहले का ही किराया यात्रियों से लेने का आग्रह किया गया है.

डीजल में 15 रुपये तक की वृद्धि, सैनिटाइजेशन व मास्क आदि पर खर्च को लेकर बस किराये में 10 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी किये जाने को लेकर परिवहन सचिव से सोमवार को झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मिलेंगे. यात्रियों की संख्या कम है. सीटें खाली रह जा रही हैं. जो भी निर्णय होगा, उससे सभी जिलों के एसोसिएशन को अवगत कराया जायेगा. निर्णय होने तक सभी लोग यात्रियों से लॉकडाउन के पहले वाला किराया की लें.