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मिलिट्री कोर्ट का केन्द्र सरकार को निर्देश, मेजर जनरल-रैंक ऑफिसर के वेतन में हो बढ़ोतरी

सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एयर वाइस-मार्शल के वेतन में वृद्धि करे. एक महत्वपूर्ण निर्णय में उसने कहा कि रक्षा सेवाओं में मेजर जनरल-रैंक के अधिकारियों का वेतन बढ़ाया जाए क्योंकि जूनियर्स की तुलना में उनका वेतन कम है. एयर वाइस मार्शल पी सुभाष बाबू ने छठे वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद सामने आई विसंगति के खिलाफ वकील अंकुर छिब्बर के माध्यम से सशस्त्र बल न्यायाधिकरण पहुंचे.

ट्रिब्यूनल ने कहा कि 1 जुलाई 2017 से आवेदक के वेतन का भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है. उत्तरदाताओं को 1 जुलाई, 2020 से आवेदक को पेंशन और अन्य परिणामी लाभ देने के लिए भी निर्देशित किया गया है. उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर किया जाएगा.

छिब्बर ने कहा कि 6वें वेतन आयोग के बाद यह तय किया गया था कि सैन्य सेवा वेतन केवल ब्रिगेडियर के पद तक देय होगा और उससे आगे नहीं होगा. छिब्बर ने कहा कि एएफटी द्वारा किया गया फैसला सशस्त्र बलों के दो-सितारा अधिकारियों की लंबे समय से लंबित शिकायत को दूर करने में मदद करेगा. रक्षा मंत्रालय ने पहले एवीएम द्वारा वेतन असमानता के खिलाफ दायर वैधानिक शिकायत को खारिज कर दिया था.