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जी-20 समिट में PM मोदी ने कहा- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कोरोना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी20 सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 महामारी दुनिया के सामने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती और मानवता के इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने जी20 के प्रभावी कामकाज में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कौशल की पेशकश की।

मोदी ने यह भी कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में ‘कहीं से भी काम करना’ एक नयी सामान्य स्थिति है और जी20 का एक डिजिटल सचिवालय बनाए जाने का सुझाव भी दिया।

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के बाद की दुनिया के लिए एक नये वैश्विक सूचकांक के विकास का सुझाव दिया जिसमें चार महत्वपूर्ण तत्व- प्रतिभाओं का बड़ा समूह तैयार करना, समाज के हर वर्ग तक प्रौद्योगिकी की पहुंच सुनिश्चित करना, शासन प्रणाली में पारदर्शिता लाना और पृथ्वी को संरक्षण की भावना से देखना- शामिल हों।

उन्होंने कहा कि इस आधार पर जी20 एक नयी दुनिया की नींव रख सकता है।

सऊदी अरब के शाह सलमान ने जी20 सम्मेलन की शुरुआत की। इस साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से समूह के सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक डिजिटल तरीके से हो रही है। भारत 2022 में जी20 के सम्मेलन की मेजबानी करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘जी20 के नेताओं से बहुत रचनात्मक वार्ता हुई। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समन्वित प्रयास निश्चित रूप से इस महामारी से तेजी से निपटने की अगुवाई करेंगे। डिजिटल सम्मेलन के आयोजन के लिए सऊदी अरब का आभार।’’विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी को मानवता के इतिहास में एक महत्वपूर्ण निर्णायक मोड़ तथा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया।