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शिवराज सिंह चौहान ने फांसी की सज़ा दिलाने वाले अधिकारियों को किया सम्मानित

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उन पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जिनकी तेज़ कार्रवाई और सटीक जांच ने रेप के आरोपियों को फांसी की सज़ा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.
सीएम निवास में हुए सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला भी मौजूद थे. इस दौरान महिलाओं और बच्चियों के साथ जघन्य अपराधों में असाधारण जांच करने वाले डीआईजी, फोरेंसिक अधिकारी, पुलिस कांस्टेबल और अभियोजन अधिकारियों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में ग्वालियर, इंदौर, धार, सागर, शहडोल, मंदसौर, दमोह और सतना के अधिकारियों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर कहा कि जो बेटियों के साथ गलत काम करते हैं, उनको फांसी की सजा होना ही चाहिए. दरिंदों के लिए मानवाधिकार का कोई मतलब नहीं है. मानवाधिकार तो मानव के लिए है, पिशाचों के लिए नहीं.
शिवराज ने कहा कि दुराचारियों को फांसी की सजा दिलाने में पुलिस की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पुलिस टीम बधाई की पात्र है. उन्होंने कहा कि भारत में बेटियों की पूजा होती है, उनका सम्मान करते हैं. यदि बेटियों के साथ कुछ गलत होता है तो मन व्यथित हो जाता है.
ये पुलिस अधिकारी हुए सम्मानित
कार्यक्रम में इंदौर के राजबाड़ा में जून के महीने में 3 महीने की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या का केस सुलझाने और सबूत जुटाकर आरोपी को फांसी की सजा दिलवाने में सहयोग करने वाले डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र, सराफा सीएसपी हरीश मोटवानी, फोरेंसिक साइंस लैब ऑफिसर बाबूलाल मंडलोई समेत इंदौर के कई अन्य पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया.
इसके अलावा ग्वालियर के एसपी नवनीत भसीन, फोरेंसिक साइंस लैब ऑफिसर अखिलेश भार्गव और तत्कालीन थाना प्रभारी कम्पू हॉल अशोकनगर महेश शर्मा समेत ग्वालियर पुलिस के अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया. इन दो बड़े जिलों के अलावा धार, सतना, सागर, शहडोल, मंदसौर, दमोह, सतना जिले के पुलिस अधिकारियों समेत फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया.