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Editorial :- कामदार मोदी के विरूद्ध नामदार

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इलाहाबाद में कांग्रेस के पोस्टर लगे हैं। जिसमें कहा गया है इंदिरा का खून प्रियंका इज कमिंग सून। अर्थात कांग्रेस नेहरू – गांधी डायनेस्टी के आधार पर उनके खानदानी खून का हवाला देकर २०१९ के लोकसभा चुनाव के मैदान में है।
इस पर तंज कसते हुए अमित शाह ने अपने भाषण में कहा है कि मोदी सरकार से साल का हिसाब मांगने के पहले राहुल गांधी अपनी चार पीढ़ी का हिसाब दें।
लोकसभा में आंध्रा के टीडीपी द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि नरेन्द्र मोदी मुझसे आंख भी नहीं मिला सकते। इस पर पीएम मोदी ने इस प्रकार पलटवार किया:
आप नामदार हैं और हम कामदार, हम आपकी आंख में आंख डालने की हिम्मत नहीं कर सकते : पीएम मोदी  
पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी को हराने के लिये जरूरत पड़ी तो  वे किसी महिला को भी पीएम उम्मीदवार बनाने को तैयार हैं. इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि ममता बनर्जी या मायावती में से राहुल किसी को चुन सकते हैं. लेकिन अब माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी भी पीएम उम्मीदवार हो सकती हैं.
इसी कारण संभावना बन रही है प्रियंका गांधी लड़ेंगी सोनिया की रायबरेली और बनेंगी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की महिला प्रधानमंत्री कैंडिडेट ? ममता और माया हाथ मलती रह जायेंगी।
आज का एक समाचार है : आतंकवाद से निपटने के लिए ्रञ्जस् तैयार कर रहा अनोखा हथियार मतलब पुस्तकी हथियार।
महाराष्ट्र पुलिस चरंमपंथ, अतिवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने में अपने र्किमयों की मदद के लिए विशेषज्ञों के लेखों पर आधारित मराठी पुस्तकों का एक सेट तैयार कर रही है जो अपनी तरह की ऐसी पहली पहल है। आतंकवादी मामलों से निपटने में यह पुस्तक मददगार साबित होगी।
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों से निपटने में पुलिसर्किमयों को प्रशिक्षित करने के लिए अंग्रेजी समेत विभिन्न भाषाओं में आतंकवाद पर विशेषज्ञों के लेखन का सार इस मराठी संकलन में शामिल है।
इन पुस्तकों में आतंकवादियों के मनोविज्ञान, आतंकवादी संगठनों की प्रशिक्षण विधियों, कुछ प्रमुख आतंकवादी हमलों, और युवाओं को कैसे आतंकवादी प्रभाव से निकाला जाए जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है। इन पुस्तकों में से एक इस्लामिस्ट: व्हाई आई ज्वाईंड रैडिकल इस्लाम इन ब्रिटेन, व्हाट आई सॉ इनसाइड एंड व्हाई आई लेफ्टÓ है। इसके लेखक ब्रिटेन में पैदा हुए एड हुसैन हैं
आतंकवादियों के विरूद्ध हमारे यहॉ की सरकारी संस्थान ने मिर्ची बम बनाये हैं। इजराइल ने भी कई तकनीक का अविष्कार किया है जिसमें  प्लॉस्टिक बुलेट्स और इलेक्ट्रानिक वॉल प्रमुख हैं।
हम देख रहे हैं कि आतंकवादी संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकवादियों को तैय्यार कर रहे हैं और बम आदि बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
पुस्तकों में एटम बम से भी अधिक शक्ति छिपी हुई है। किसी ने लिखा भी है कि श्याही की एक बूंद हजारों व्यक्तियों को विचारमग्र कर सकती है।
इसीलिये पुस्तकों के विरूद्ध भी जिहाद छेड़े जाने का एक इतिहास है। नेपाल एक हिन्दू राष्ट्र रहा है। माक्सवादियों का शासन होने के बाद वहॉ पर जितनी भी हिन्दू संस्कृति से संबंधित पुस्तकें थी उन्हे जला दिया गया था। यूपीए शासनकाल में लखनऊ में अपने एक भाषण में चिदंबरम ने कहा था कि भारत का प्राचीन इतिहास कभी गौरवशाली नहीं रहा और भारत कभी सोने की चिडिय़ा नहीं रहा। इस प्रकार की व्याख्या करने वाली पुस्तकों को जला देना चाहिये।

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