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यूजी नीट में सफल विद्यार्थियों के आधार पर फाइनल स्टेट मेरिट लिस्ट जारी

राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दािखले के लिए जेसीइसीइबी ने काउंसेलिंग की तैयारी शुरू कर दी है. 19 नवंबर को यूजी नीट में सफल विद्यार्थियों के आधार पर फाइनल स्टेट मेरिट लिस्ट जारी की गयी है. जबकि, स्टेट कोटा के सीट पर बिहार के विद्यार्थी दोहरे डोमिसाइल (निवास प्रमाण पत्र) के जरिये सीट पर कब्जा करने की तैयारी में हैं. स्टेट फाइनल मेरिट लिस्ट में बिहार के 35 से अधिक विद्यार्थी चिह्नित हुए हैं.

इन विद्यार्थियों का नाम बिहार के साथ झारखंड स्टेट मेरिट लिस्ट में भी शामिल है. परीक्षा के रजिस्ट्रेशन के दौरान इन विद्यार्थियों ने होम स्टेट का डोमिसाइल अपलोड किया है. वहीं, झारखंड में एमबीबीएस, बीडीएस व आयुष कॉलेजों में सीट पाने के लिए राज्य का डोमिसाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं. दो राज्यों के मेरिट लिस्ट में एक ही विद्यार्थियों के नाम चिह्नित होने पर कई विद्यार्थियों ने ‘प्रभात खबर’ को इसकी सूचना दी.

चल अधिकारी के कार्यालय से जारी होनेवाले स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र में यह स्पष्ट है कि किसी एक राज्य के निवासी होने पर वह व्यक्ति दूसरे राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के स्थानीय निवासी होने का दावा नहीं कर सकते. वहीं, जेसीइसीइबी के स्टेट मेरिट लिस्ट के लिए आवेदन करनेवाले को आवासीय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और यूजी नीट का रैंक कार्ड देना था. ऐसे में दो-दो राज्य के स्टेट मेरिट लिस्ट में नाम मिलने से स्थानीय विद्यार्थियों को उनके स्टेट काेटा के सीट छिन जाने का डर बन गया है.

जेसीइसीइबी के एक पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष कोरोना संकट में सभी आवेदन ऑनलाइन मंगवाये गये हैं. सभी आवेदन के साथ डोमिसाइल देना अनिवार्य था. ऑनलाइन आवेदन आने की वजह से प्रत्येक को गंभीरता से जांच कर फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की गयी है. इसमें उन विद्यार्थियों के नाम हैं, जिन्होंने झारखंड का डोमिसाइल जमा किया है.

यूजी नीट विशेषज्ञ ने बताया कि इस तरह के केस में बच्चे अभिभावक या परिचित की मदद से दो राज्यों का डोमिसाइल तैयार कर लेते हैं. दोनों राज्यों में बच्चे का स्थानीय आवासीय प्रमाण पत्र उनके 10वीं तक की स्कूली शिक्षा या अभिभावक के खतियान के आधार पर बनाया जा सकता है. इसी आधार का दुरुपयोग कर विद्यार्थी दो राज्यों के डोमिसाइल बनवा लेते हैं