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पायलट ने सीएम राजे से पूछा चौथा सवाल, लगाया किसानों के हितों की अनदेखी का लगाया आरोप

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जयपुर: कांग्रेस ने राजस्थान की बीजेपी सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि देश और प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद से कृषि तथा किसान दोनों की अनदेखी बढ़ी है और सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि बीजेपी सरकार की नीतियों के कारण सैंकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी ओर किसानों की आत्महत्या से प्रदेश के गौरव को ठेस पहुंच रही है.
पायलट ने एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार के शासन में कृषि क्षेत्र और किसानों की अनदेखी में वृद्धि हुई है. उन्होंने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सोमवार को चौथा प्रश्न पूछा है कि ‘‘कर्जे में डूबे किसान की जमीन की कुर्की का आदेश देकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाली मुख्यमंत्री बताए कि इससे प्रदेश का कौन सा गौरव बढ़ रहा है?’’ उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री अपनी यात्रा पर है तो वहीं दूसरी ओर किसानों की आत्महत्याएं जैसी घटनाएं हो रही है जिससे प्रदेश के गौरव को ठेस पहुंच रही है.
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. डूडी ने कहा है कि 30 अगस्त से शुरू हो रहे राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार श्वेत पत्र सदन में रखकर पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश में किसानों की आत्महत्याओं के आंकड़े और मौतों के कारणों की तथ्यात्मक रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करें.
उन्होंने नागौर जिले के कुचामन के चारणवास गांव में एक दलित किसान मंगलाराम मेघवाल की आत्महत्या पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कि किसान को कर्ज माफी की जगह जमीन कुर्की का नोटिस थमा दिया गया जिसकी वजह से तनाव में आकर उसने आत्महत्या कर ली. डूडी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राजे ने किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर प्रदेश के लाखों किसानों के साथ विश्वासघात किया है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह अपनी कथित गौरव यात्रा स्थगित कर कुचामन में मृतक किसान के परिवार को सांत्वना प्रदान करने जायें क्योंकि बीजेपी के कथित कुशासन में प्रदेश में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन मुख्यमंत्री ने किसानों की पीड़ा को समझने की कभी कोशिश नहीं की.

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