0 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट से आधा शहर जल्द ही दूधिया रोशनी में नजर आएगा। शहर को जगमग करने की योजना एक बार फिर से अंधेरे से उजाले की ओर है। लॉकडाउन में एक हजार लाइट पोल पर लग गई, बाकी सरकार के निर्देश के बाद वापस हो गई। अब अगले छह माह के अंदर सभी लाइट गली-मोहल्ले और मुख्य सड़कों को रोशन कर देंगी। दरअसल दैनिक जागरण ने 16 जून के अंक में धनबाद को जगमग करने वाली 20 हजार स्ट्रीट लाइटें वापस शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद विभाग ने इसको संज्ञान में लिया। लाइट लगाने का काम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईएसएल) कंपनी करेगी। एक वार्ड में 364 लाइट लगाई जाएगी। इसमें 10 साल का मेंटेनेंस भी शामिल है. गोविंदपुर से महोदा तक फोरलेन में भी स्ट्रीट लाइट लगेगी। इस राशि से निगम क्षेत्र का लगभग 23 किलोमीटर का इलाका रोशन होगा। सड़कों पर लगे सोडियम वेपर लाइट को हटाकर एलईडी लाइट लगेगी। नगर निगम के बीते कार्यकाल में 17 हजार लाइट लगी, जबकि इससे पहले माहज 1168 ही लाइट निगम क्षेत्र में लगाई गई थी।
योजना के अनुसार पूरे निगम क्षेत्र में एलईडी लाइट के 918 पोल को चिन्हित किया गया है। इन्हीं पोल पर यह लाइट लगाने की योजना है। झरिया से लेकर फूसबंगला, धैया, हीरक चौक, बिरसा मुंडा पार्क, बेकारबांध, पोलिटेक्निक रोड के साथ-साथ बैंक मोड़, मटकुरिया, गोधर, केन्दुआ, करकेंद और पुटकी क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर लाइट लगेगी। अफसरों की माने तो एक लाइट की लाइफ 50 हजार घंटे है और पूरे सेट की गारंटी पांच साल की है।
एलईडी लाइट लगाने के पीछे निगम का उद्देश्य बिजली की खपत कम करना है। अभी सड़कों पर लगी सोडियम वेपर लाइट 250 वाट का है, लेकिन एलईडी का बल्ब मात्र 90 वाट का ही होगा। इसकी रोशनी सोडियम वेपर से दो गुणा अधिक होगी। इस लाइट के लगाने से 36 फीसदी बिजली की खपत कम हो जाएगी। एलईडी लाइट के पूरे सेट की कीमत 23 हजार रुपए है, जबकि सोडियम वेपर लाइट की कीमत मात्र पांच हजार रुपया है। अधिक कीमत के बाद भी इसे लगाना फायदेमंद है।
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