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राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे सरकार ने बदले 8 गांवों के मुस्लिम नाम

राजस्‍थान में वसुंधरा राजे की सरकार ने कई गांवों के मुस्लिम नाम बदल दिए हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्‍य सरकार के इस कदम को मतदाताओं को लुभाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।जयपुर : राजस्‍थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार ने यहां कई गांवों के नाम बदल दिए हैं। यहां उन गांवों के नाम बदले जा रहे हैं, जो मुस्लिम नामों पर थे। सरकार के इस कदम पर विवाद बढ़ सकता है। हालांकि राजस्‍थान सरकार ने इसके पीछे अजीब दलील दी है।राजस्‍थान सरकार ने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्‍ताव भेजा था। राज्‍य सरकार ने 27 ऐसे गांवों के नाम बदलने के प्रस्‍ताव दिए थे। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से फिलहाल केवल आठ गांवों के नाम बदले जाने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गई है।केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद बाड़मेर जिले में ‘मियां का बाड़ा’ गांव का नाम बदलकर ‘महेश नगर’ कर दिया गया है। यह नाम परिवर्तन 7 अगस्‍त को किया गया। गांव के पूर्व सरपंच हनुमंत सिंह का कहना है, ‘भारत की आजादी तक इसका नाम महेश बाड़ा था, लेकिन बाद में इसका नाम बदल कर मियां का बाड़ा कर दिया। अब इसे महेश नगर कर दिया गया है।’राज्य सरकार के अध‍िकार‍ियों से जब गांवों का नाम बदले जाने को लेकर सवाल किया गया तो इसे सही ठहराने के लिए अजीब दलील दी गई। सरकार का कहना है कि गांव का नाम इसलिए बदल दिया गया, क्‍योंकि यहां हिंदुओं की अधिक आबादी है।इसके अतिरिक्‍त, एक अन्‍य चौंकाने वाली दलील यह दी गई कि इससे हिन्‍दू समुदाय में वैवाहिक प्रस्‍तावों को लेकर संभावनाएं बढ़ेंगी, क्‍योंकि नाम की वजह से बहुत से लोगों को लगता है कि यह मुस्लिम बहुल आबादी वाला गांव है।राजस्‍थान सरकार इस कदम के पीछे जो भी दलीलें दे, इसे वसुंधरा राजे सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वोटर्स को लुभाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं, एनसीपी ने इसे मुसलमानों को अलग-थलग करने की कोशिश करार दिया है।