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सब्जी की खेती छोड़ धनंजय ने की गेंदा फूल की खेती, बने लखपति

पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम प्रखंड के मुचीडीह गांव के किसान धनंजय महतो ने सब्जी की खेती को छोड़ अभी गेंदा फूल की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। लाकडाउन की अवधि के दौरान एक एकड़ में गेंदा की खेती की। बोड़ाम-पटमदा को सब्जी के हब के रूप में लोग जानते थे। गेंदा फूल की खेती कर इस किसान ने अन्य किसानों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। इस परिवर्तन के बाद अब इनके द्वारा गेंदा की खेती के रूप में भी क्षेत्र को अलग पहचान मिलने लगी। कृषि विभाग के द्वारा कई प्रकार के प्रशिक्षण लेने के बाद अब वे उद्यान विभाग से भी जुड़ चुके है। वर्ष 2014 – 15 में वे साधारण कृषक थे। इसके बाद कृषि मित्र के रूप में गांव में चयन हुआ। प्रगतिशील किसान धनंजय महतो ने सब्जी की खेती छोड़ गेंदा की खेती में उन्नत किसान के रूप में प्रसिद्ध हुए। कोलकाता से फूल का उन्नत चारा लाकर नर्सरी बनाया। डीप इरीगेशन के द्वारा सिंचाई का प्रबंध कर एक एकड़ में कम पानी की लागत में खेती की। स्थानीय बाजार में 10 से 15 रुपए में माला बेचकर काफी मुनाफा कमाया। इनके परिवार में कुल सात सदस्य है। इसके भरोसे ही परिवार खुशहाली से जीवन यापन कर रहा हैं। झारखंड के साथ बंगाल के पुरुलिया में भी 100 से 150 रुपए प्रति किलो खुला गेंदा फूल बेचकर लाखो की कमाई कर रहे है। किसान धनंजय महतो ने बताया कि पहले साधारण कृषक के रूप में सब्जी की खेती करते थे। एक बार प्रशिक्षण के बाद टमाटर की खेती के साथ- साथ गेंदा का पौधा लगाने का प्रशिक्षण लिया। जिससे प्रेरित होकर गेंदा की खेती करने का मन बना लिया। इसके बाद लाकडाउन में बाहर से माला का सप्लाई नहीं होने के कारण स्थानीय बाजार जमशेदपुर ने अच्छी कीमत में फूल माला बनाकर बेचा। जिससे लागत से अधिक मुनाफा हुआ। अब वे आत्मनिर्भर बन दूसरे की जमीन लीज में लेकर भी गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं।