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सरकारी नौकरी करनेवालों को देना होगा तंबाकू का सेवन नहीं करने का शपथपत्र

झारखंड में सरकारी नौकरी करनेवालों को अब तंबाकू उपयोग नहीं करने का शपत्र पत्र देना होगा। अगले साल पहली अप्रैल से होनेवाली सभी नौकरियों में इसे अनिवार्य रूप से लिया जाएगा। नियुक्त पत्र प्राप्त करने से पहले सभी अभ्यर्थियों को यह शपथपत्र देना होगा। मंगलवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। इसे लेकर कार्मिक विभाग आदेश जारी करेगा।

बैठक में मुख्य सचिव ने पान, सिगरेट व तंबाकू उत्पाद बेचने वालों को हर हाल में लाइसेंस लेने के प्रावधान का सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए। कोई भी ऐसी दुकान बिना लाइसेंस संचालित नहीं होंगी। अभी तक राज्य में 150 दुकानों ने ही लाइसेंस प्राप्त की है। मुख्य सचिव ने कहा कि लाइसेंस लेनेवाली ऐसी दुकानों में बिस्किट, चॉकलेट एवं अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं होनी चाहिए।

बता दें कि राज्य में यह प्रावधान पहले से ही लागू है, लेकिन इसका अभी तक सख्ती से अनुपालन नहीं कराया जा सका है। बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य में प्रतिबंधित किए गए 11 कंपनियों के गुटखा की चोरी-छिपी बिक्री किए जाने की शिकायत आने की बात कही। इसपर रोक लगाने के लिए राज्य की सीमा पर ही ऐसे उत्पादों को जब्त करने के निर्देश पुलिस पदाधिकारियों को दिए।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध का भी सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने खासकर उपायुक्तों को इसे सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में सरकारी भवनों को तंबाकू मुक्त सुनिश्चित करने को कहा।

साथ ही उद्योग विभाग को उद्योगों व अन्य कंपनियों के मुख्य द्वार एवं अन्य क्षेत्रों में तंबाकू मुक्त क्षेत्र तथा गैर धुम्रपान क्षेत्र का बोर्ड लगाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को सभी पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर ग्राम सभाओं की बैठकों में तंबाकू निषेध पर चर्चा करने का अनुरोध करने को कहा। बैठक में स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी, अभियान निदेशक रविशंकर शुक्ला तथा अन्य विभागों के पदाधिकारी आदि शामिल हुए।