चेन्नई. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एन. करुणानिधि के निधन के साथ द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) में फूट पड़ती दिख रही है. दरअसल, यह फूट डीएमके के नेतृत्व एवं करुणानिधि की विरासत को लेकर है. उत्ताधिकार को लेकर दोनों बेटों, एमके स्टालिन और अलागिरी के बीच मतभेद सामने आए हैं. करुणानिधि ने एमके स्टालिन को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था लेकिन उनके जाने के बाद द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) की बागडोर किसके हाथ में होगी, इसे लेकर अलागिरि ने बड़ा बयान दिया है.
स्टालिन के बड़े भाई एमके अलागिरि का दावा है कि डीएमके कैडर का समर्थन उनके साथ है. लिहाजा वही पिता की विरासत संभालेंगे. बता दें कि लंबे वक्त से बीमार चल रहे एमके करुणानिधि का 7 अगस्त को निधन हो गया था. करुणानिधि को पिछले महीने ब्लड प्रेशर का स्तर गिरने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पहले उनका इलाज घर पर ही चल रहा था, लेकिन बाद में तबीयत बिगडऩे के कारण उन्हें कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां बीते मंगलवार को उन्होंने आखिरी सांसें लीं. उनके मरते दोनों बेटों में लड़ाई प्रारंभ होने की पूरी संभावना दिख रही है. इसी कड़ी में आज करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी ने पार्टी पर पूर्ण अधिकार की बात की जबकि करुणानिधि अपने छोटे बेटे स्टालिन को अपना उत्तराधिकार सौंप गए हैं.
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