Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कनाडाई पप्पू में कैसे राहुल गांधी से है समानता ?

अगर आप प्रमुख सर्च इंजन गूगल पर ‘पप्पू इन इंडियाÓ सर्च करते हैं, तो आपको सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम और  तस्वीर दिखाई देगा। इसी तरह गूगल पर लिखने पर राहुल गांधी का नाम आएगा। इतना ही नहीं आप हिन्दी में भी ‘इंडिया का पप्पूÓ सर्च करते हैं तो राहुल गांधी की तस्वीर और उनसे जुड़ी सामग्री सामने आती है। राहुल गांधी की

ही तरह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी असर ‘कनाडाई पप्पूÓ कहा जाता है।

अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसी या बातें हैं, जिनसे राहुल गांधी को ‘भारत का पप्पूÓ और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘कनाडाई पप्पूÓ कहा जाता है। दरअसल, दोनों नेताओं के बीच कई मजेदार समानताएं हैं। सबसे पहले दोनों नेताओं की हरकतें और उनकी पीआर रणनीति में समानता पायी जाती है। इसके अलावा ऐसे कई उदाहरण है, जो दोनों को करीब लाते हैं। दोनों को विरासत में मिली राजनीति राहुल गांधी और जस्टिन ट्रूडो दोनों मजबूत

राजनीतिक परिवारों से आते हैं। राहुल गांधी के पिता, दादी और परदादा सभी भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। राहुल गांधी को विरासत में राजनीति मिली है और कांग्रेस के मौजूदा युवराज है। राहुल गांधी की तरह ही जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो भी कनाडा के प्रधानमंत्री थे। पियरे ट्रूडो चार बार कनाडा के प्रधानमंत्री रहे, कनाडा में ये एक रिकॉर्ड है। 1968 से 1984 तक वो कनाडा के सबसे मजबूत नेता रहे।

ज्ञान का प्रदर्शन करने के चक्कर में लड़कपन राहुल गांधी और जस्टिन

 दोनों समयसमय पर अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आते हैं। लेकिन इस दौरान दोनों गलती कर जाते हैं और उपहास का पात्र बन जाते हैं। जस्टिन ट्रूडो 2016 में एक रिपोर्टर को क्वांटम कंप्यूटिंग का पाठ सिखाने लग गए। वहीं उनके इस लड़कपन को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने उनपर जमकर कटाक्ष किया। ट्रूडो की तरह राहुल गांधी ने भी फैसला किया

कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक सभा को संबोधित करेंगे। हालांकि, कुछ दिनों बाद पता चला कि वह सिर्फ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस की एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे। वास्तव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे किसी मुद्दे पर उन्होंने कोई बात नहीं की। सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर फैंस के बीच में जाना जस्टिन ट्रूडो और राहुल अपने फैंस के बीच काफी लोकप्रिय है। फैंस से मिलने के दौरान दोनों काफी क्रेजी हो जाते हैं। सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर उनके बीच जाना दोनों की हॉबी है।

दूसरी तरफ राहुल गांधी अपने फैंस से मिलने के लिए इतने उतावले हो जाते हैं कि फैंस से मिलने के लिए बस तक से भी उतर जाते है।

अचानक अपनी दरियादिली का प्रदर्शन राहुल गांधी और ट्रूडो अपनी दरियादिली का प्रदर्शन करने का कोई मौका नहीं चुकते हैं। 2016 में ट्रूडो की एक छोटे बच्चें के साथ बैठे हुए एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। दरअसल वह फ़ोटो 2015 की थी जब ट्रूडो एक स्कूल के बच्चे को सांत्वना दे रहे थे योंकि स्कूल में उसका दिन खराब गया था। देशव्यापी लॉकडाउन के बीच राहुल गांधी ने फुटपाथ पर बैठे प्रवासी मजदूरों के साथ मुलाकात

की। उनकी समस्याओं को भी सुना। राहुल गांधी के इस मुलाकात को कांग्रेस ने अपने ऑफिसियल ट्विटर हैंडल पर ट्वीट भी किया। जन्मदिन की बधाई देकर सोशल दिखने का प्रयास राहुल गांधी ने 2017 में बहुत ही बेबाकी से

कांग्रेस समर्थक के 107 वर्षीय दादी को जन्मदिन की बधाई दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने उसे मिलने के लिए भी बुलाया था। इससे पहले 2016 में ही जस्टिन ट्रूडो ऐसा कर चुके थे। 120 साल की महिला ने अपने जन्मदिन पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मिलने की इच्छा जताई थी। ट्रूडो ने महिला को निराश नहीं किया।