नई दिल्ली. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ पी रावत ने कहा है कि देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ कराना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके लिए कानूनों में बदलाव करना होगा. एक साथ चुनाव कराने के लिए संवैधानिक बदलाव करने होंगे और जनप्रतिनिधि कानून को बदलना होगा. साथ ही संसाधनों की कमी का भी उन्होंने हवाला दिया है. रावत का ये बयान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में लॉ कमीशन को लिखने के बाद आया है.
सीईसी ओम प्रकाश रावत ने कहा है कि कानून में बदलाव से पहले एक साथ चुनाव संभव नहीं है लेकिन लोकसभा के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव की संभावना दिखती है लेकिन सभी राजनीतिक दलों में सहमति जरूरी है. रावत ने कहा कि अगर विधानसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष सहमति से हाउस भंग करके चुनाव के लिए तैयार हो तभी राज्य में समय से पहले चुनाव हो सकते हैं. रावत ने एक साथ सभी राज्यों में भी चुनाव कराने में असमर्थता जताई है. ओपी रावत ने कहा कि चुनाव आयोग के पास इतने संसाधन भी नहीं है कि देश में एक साथ चुनाव कराया जा सके. उन्होंने कहा कि लोकसभा के साथ आठ-नौ से अधिक राज्यों में एक साथ चुनाव कराना आयोग के लिए मुमकिन नहीं होगा. रावत ने एक साथ चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या में वीवीपैट मशीने ना होने की भी बात कही.
एक देश-एक चुनाव के समर्थन में अमित शाह ने लॉ कमीशन को लिखी चिट्ठी, कहा-खर्च बचाने के लिए है जरूरी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लॉ कमीशन को चिट्ठी लिखकर देश में एक साथ चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है. शाह ने लॉ कमीशन को पत्र लिखकर कहा कि देश में कहीं न कहीं चुनाव होते ही रहते हैं जिसके कारण केंद्र और राज्य सरकारों के विकास कार्य प्रभावित होते हैं. वहीं, बार-बार चुनाव कराने के कारण काफी पैसा भी खर्च होता है. पूरा सिस्टम इसी में व्यस्त हो जाता है. लिहाजा वो देश में एक साथ चुनाव कराने के समर्थन में हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भीलोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात कह चुके हैं.
2015 में ही व्यापक सुझाव दे चुका है
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि एक साथ चुनाव को लेकर चुनाव आयोग 2015 में ही व्यापक सुझाव दे चुका है. चुनाव आयोग बता चुका है कि इसके लिए संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून में कौन-कौन से संशोधन कराने होंगे. ओपी रावत ने कहा कि इन संशोधनों के बाद अन्य जरूरतो में पर्याप्त वोटिंग मशीन (वीवीपैट), अधिक सुरक्षाकर्मियों जैसी जरूरतों से भी अवगत करा दिया गया था.
Nationalism Always Empower People
More Stories
MDH और एवरेस्ट के कुछ प्रोडक्शन हाउस में बैन, भारत में भी जल्द लग सकता है बैन!
आंध्र प्रदेश के सोमसिला जंगल में जंगल की आग भड़की, आग बुझाने के प्रयास जारी |
तिहाड़ में सभी टिकटों के लिए समान नियम: डी.जी