कनाडा की अगुवाई में होने वाली कोरोना संबंधी एक बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल नहीं होंगे. भारत की ओर से यह फैसला किसानों के मुद्दे पर कनाडा के रुख के मद्देनजर आया है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वह आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हैं.
जिसके बाद भारत द्वारा एक बयान जारी किया गया था, जिसमें कनाडा को भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करने के लिए कहा गया था. गौरतलब है कि कनाडा की अगुवाई में आगामी 7 दिसंबर को कोरोना पर एक बैठक होने वाली थी, जिसमें विदेश मंत्री हिस्सा नहीं लेंगे.
दरअसल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा था कि उनका देश शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का हमेशा समर्थन करेगा. उन्होंने हालात पर चिंता जताई थी.
भारत ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को समन कर ट्रूडो और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के बयानों पर एतराज जताया और कहा देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और इस मामले में यह कार्रवाई जारी रहती है तो द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
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