झारखंड सरकार रांची से दिल्ली तक किसानों के हक में आवाज बुलंद कर रही है। उनके हक की आवाज उठा रही है लेकिन राज्य के किसानों की मदद के लिए उठाए जा रहे कदमों के प्रति उदासीन दिखती है। कर्ज माफी की बजट घोषणा का किसान आज तक इंतजार कर रहे हैं। किसानों की कर्ज माफी के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन अब तक इस दिशा में उपलब्धि सिर्फ बैठक और घोषणाओं को बार-बार दोहराने तक ही सीमित है। कृषि एवं उससे संबद्ध विभागों के लिए तय कुल बजट 3362.78 करोड़ का करीब 60 फीसद सिर्फ किसानों की कर्ज माफी के लिए रखा गया था। पिछली सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद हो चुकी है
झारखंड की सरकार किसानों के साथ है लेकिन फिर भी राज्य में मदद के लिए हाथ बढ़ते नहीं दिखाई देते हैं। घोषणाओं को बार-बार दोहराने तक ही सीमित है। पिछली सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद हो चुकी है।
झारखंड सरकार रांची से दिल्ली तक किसानों के हक में आवाज बुलंद कर रही है। उनके हक की आवाज उठा रही है लेकिन राज्य के किसानों की मदद के लिए उठाए जा रहे कदमों के प्रति उदासीन दिखती है। कर्ज माफी की बजट घोषणा का किसान आज तक इंतजार कर रहे हैं। किसानों की कर्ज माफी के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन अब तक इस दिशा में उपलब्धि सिर्फ बैठक और घोषणाओं को बार-बार दोहराने तक ही सीमित है। कृषि एवं उससे संबद्ध विभागों के लिए तय कुल बजट 3362.78 करोड़ का करीब 60 फीसद सिर्फ किसानों की कर्ज माफी के लिए रखा गया था। पिछली सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद हो चुकी है।
कृषि बजट की आठ माह की उपलब्धि महज़ दो फीसद खर्च तक सीमित है। 3362.78 करोड़ के कृषि बजट में से पिछले आठ माह में सिर्फ 72.91 करोड़ ही किसानों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर व्यय हुए हैं। कृषि से संबद्ध सभी प्रभागों कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य व सहकारिता सभी का प्रदर्शन खासा निराश करने वाला रहा है। 216 करोड़ का बजट रखने वाले सहकारिता विभाग ने तो एक रुपया भी पिछले आठ माह में व्यय नहीं किया है।
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