पंडित जवाहरलाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर से संबंधित डाक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन एवं विभागाध्यक्ष डाक्टर कृष्ण कांत साहू एवं उनकी टीम द्वारा 19 वर्षीय मायस्थेनिया ग्रेविस के मरीज का सफल आपरेशन करके मरीज को नया जीवनदान दिया। दो माह पहले भी इसी प्रकार का आपरेशन किया गया था, जिसमें मरीज को 42 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था।
मगर, इस बार प्लाज्मा फेरेरिस तकनीक का उपयोग आपरेशन के पहले किया गया, जिससे मरीज को सिर्फ एक ही दिन वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। आज वह मरीज स्वस्थ होकर हास्पिटल से डिस्चार्ज हो रही है एवं अगले सत्र में कालेज में प्रवेश लेकर बीकाम की पढ़ाई करने वाली है। भिलाई की रहने वाली 18 वर्षीय बबीता यादव को 12वीं के बाद इस बीमारी के कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। उसे नौ महीने से थकान, कमजोरी एवं सांस फूलने की शिकायत हो रही थी।
धीरे-धीरे यह बीमारी इतनी बढ़ गई कि चलना तो दूर, उसे आंख खोलने, खाने-पीने एवं सांस लेने में परेशानी होने लगी। कुछ दिनों तक यह बीमारी किसी स्थानीय चिकित्सकों को समझ में नहीं आ रही थी। फिर उन्होंने भिलाई के न्यूरोलॉजिस्ट डा. अनूप से परामर्श लिया। वहां पर पता चला की मरीज की छाती में हृदय के ऊपर एक ट्यूमर है, जिसके कारण उसकी मांसपेशियों में कमजोरी आ गई है। इस बीमारी को मायस्थेनिया ग्रेविस कहते हैं।
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