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छत्तीसगढ़ में अस्पताल पहुंच रहे अब बीमारों तक यूनिवर्सल हेल्थकेयर की ओर सरकार के तेज कदम

छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले दो वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने और जरूरतमंदों को निःशुल्क जांच, उपचार एवं दवाईयां मुहैया कराने कई नई पहल की है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना और मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की निःशुल्क पहुंच सुनिश्चित की गई है। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं एवं संसाधनों के लगातार उन्नयन से स्थानीय स्तर पर ही जरूरतमंदों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है।

प्रदेश में इस साल 1 जनवरी से शुरू हुई डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों का पांच लाख रूपए तक का कैशलेस इलाज हो रहा है। इस योजना के दायरे में आर्थिक रूप से कमजोर 56 लाख परिवार शामिल हैं। सभी सरकारी अस्पतालों एवं अनुबंधित निजी अस्पतालों में राशन कार्ड और एक अन्य पहचान पत्र के साथ इस योजना के तहत इलाज कराया जा सकता है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में अन्य राशन कार्डधारी परिवारों को 50 हजार रूपए तक के इलाज की पात्रता है। कुल मिलाकर प्रदेश के करीब 65 लाख परिवार इस योजना के दायरे में है। योजना के अंतर्गत अब तक सवा तीन लाख मरीजों का इलाज किया जा चुका है।

अनेक जिला अस्पतालों में कीमोथेरेपी एवं डायलिसिस सुविधा शुरू होने से गंभीर बीमारियों का इलाज अब स्थानीय स्तर पर ही होने लगा है। इससे लोगों को बाहर जाकर इलाज कराने में लगने वाले धन, समय और श्रम की बचत हो रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के दौर में यह सुविधा लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के बंद होने से स्थानीय स्तर पर मिले विशेषज्ञ स्वास्थ्य सुविधाओं ने लोगों की जान बचाई है। वर्तमान में प्रदेश के नौ जिला अस्पतालों में दीर्घायु वार्ड के माध्यम से कैंसर के मरीजों की निःशुल्क कीमोथेरेपी की जा रही है। वहीं जीवन धारा राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत पांच जिला अस्पतालों में निःशुल्क डायलिसिस सुविधा भी संचालित की जा रही है। इन दोनों सुविधाओं का सभी जिला चिकित्सालयों में विस्तार किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों को जरूरी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों का भी गंभीरता से क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में एक वर्ष तक के पांच लाख 85 हजार बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया है। इस दौरान प्रदेश के 94 प्रतिशत बच्चों तक सभी टीकों की पहुंच सुनिश्चित की गई है। यह प्रदेश में टीकाकरण का अब तक का सर्वाधिक कवरेज है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने नई भर्तियों के माध्यम से लगातार मानव संसाधन की कमी दूर की जा रही है। पिछले दो वर्षों में 541 नए डॉक्टरों की भर्ती की गई है। वहीं 512 एम.बी.बी.एस. और 132 पी.जी. अनुबंधित डॉक्टरों को भी प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में पदस्थ किया गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में अभी विभिन्न पदों पर 2100 नियमित और 3349 संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है।