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आर्थिक मंदी के दौर में शासन ने रखा किसानों का ध्यान

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किसानों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत बनाने के लिए शासन की विभिन्न किसान हितैषी योजनाओं का असर कारगर रहा है। यही वजह है कि कोविड-19 के दौरान देश भर में आर्थिक मंदी के दौर में भी किसानों के व्यापक हित में शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत जिले के एक लाख 65 हजार 275 किसानों को 358 करोड़ 69 लाख 65 हजार रुपये धान बोनस की राशि प्रदान की गई। वहीं, जिले के एक लाख 63 हजार 322 किसानों के 616 करोड़ 19 लाख रुपये कर्ज माफी हुई।

शासन द्वारा जिले में किसानों की सुविधा के लिए 22 नये धान उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जिससे किसानों के समय व धन की बचत हो रही है। इससे किसानों में हर्ष व्याप्त है। पहले जिले में 117 धान उपार्जन केंद्र थे। इससे किसानों को अपनी उपज का धान विक्रय करने के लिए अधिक दूरी के सहकारी समितियों में जाना पड़ता था और अब उन्हें धान विक्रय करने में आसानी हो रही है।

सहकारिता विभाग द्वारा किसानों के हित में निरंतर कार्य किया जा रहा है। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जॉन खलखो ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध 89 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से अल्पकालीन कृषि ऋण किसानों द्वारा लिए गए थे। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2018 में अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया है।