आयुर्वेद डाॅक्टरों को छह माह का प्रशिक्षण लेकर सर्जरी की अनुमति देने पर शुक्रवार को राज्य के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय आइएमए के आह्वान पर झारखंड के भी सभी सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टरोें ने कार्य बहिष्कार किया. इससे ओपीडी सेवा बाधित रही. डॉक्टर अस्पताल तो आये, लेकिन ओपीडी में मरीजों काे परामर्श नहीं दिया.
रिम्स सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व पीएचसी-सीएचसी में ओपीडी सेवा बंद रही. दूर दराज से आये मरीजों को कार्य बहिष्कार की जानकारी नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ा. अाइएमए के प्रतिनिधिमंडल ने रिम्स व सदर अस्पताल में जम कर नारेबाजी की और विरोध जताया. आइएमए के राज्य सचिव डॉ प्रदीप सिंह व झासा के राज्य सचिव डॉ विमलेश सिंह ने राज्य के कार्य बहिष्कार को पूरी तरह सफल बताया है.
डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि हड़ताल को राज्य के सभी डॉक्टरों का समर्थन मिला है. हम सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त करते हैं. राज्य के 13,000 से ज्यादा डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहीं. डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि यह ऑटो ड्राइवर प्लेन का पायलट बनाने जैसा फैसला है
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