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झारखंड के लोगों को मिल सकता है नौकरी, पेंशन और कर्जमाफी का तोहफा

One Year of Hemant Government अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में शामिल रहे लोगों के परिजनों को राज्य सरकार नौकरियों की सौगात दे सकती है। 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर इसकी शुरुआत की जा सकती है। इसके अलावा आंदोलनकारियों को सम्मान पेंशन देने की भी योजना है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी घोषणापत्र का भी यह अहम हिस्सा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसके लिए कानून बनाकर आंदोलन के शहीदों और परिजनों को योजना का लाभ देने का वादा किया था।  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूर्व में कई आंदोलनकारियों से मुलाकात के दौरान उन्हें और उनके परिजनों को तत्काल राहत पहुंचा चुके हैं। कुछ आंदोलनकारियों के परिजनों की बहालियां भी पूर्व में की गई हैं।

बिहार से अलग होने के लिए चले लंबे आंदोलन में झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी आंदोलन की अलख जगाई और पूरी सक्रियता से इसमें भाग लिया। आंदोलन में क्रम में कई सक्रिय कार्यकर्ताओं के पारिवारिक जीवन के साथ-साथ उनके परिजनों पर भी नकारात्मक असर पड़ा। सरकार अब उनके त्याग और संघर्ष को इस माध्यम से सम्मान देना चाहती है।