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एक ही छत के नीचे स्टार्टअप्स को मिलेंगे सारे सॉल्यूशन, देश के सबसे बड़े इंक्यूबेशन सेंटर का हुआ उद्घाटन

जयपुर. स्टार्टअप्स के लिए बेहतर इकोसिस्टम डेवलप करने के इरादे से राजस्थान सरकार ने जयपुर में नया टेक्नोहब सेंटर खोला है। इसका नाम भामाशाह टेक्नोहब है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने जयपुर में गुरुवार को इस सेंटर की शुरुआत की। राज्य के अधिकारियों का दावा है कि यह देश का सबसे बड़ा इंक्यूबेशन सेंटर है। स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए आईस्टार्ट इनिशिएटिव के तहत इस सेंटर की शुरुआत की गई है।
राजस्थान सरकार के अधिकारियों का दावा है कि यह राज्य सरकार की ओर से बनाए गए उन स्टार्टअप्स में से एक है, जहां स्टार्टअप्स को एक ही छत के नीचे सारे सॉल्यूशन मुहैया कराए जाएंगे। राजस्थान सरकार में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी निखिल अरोड़ा के मुताबिक, इस सेंटर का मकसद स्टार्टअप्स को बूस्ट देने के लिए एक प्लेटफार्म तैयार करना है। यह अपनी तरह का एकमात्र इंक्यूबेशन सेंटर है, जहां स्टार्टअप्स को मेंटरशिप, को—वर्किंग स्पेस, सीड फंडिंग तथा वेंचर कैपिटल फंडिंग जैसी सारी जरूरी सहूलियतें दी जाती हैं। ताकि स्टार्टअप्स को कहीं भटकना नहीं पड़े। यही नहीं राज्य सरकार स्टार्टअप्स को अपने डाटा सेंटर के जरिए 2 साल तक फ्री क्लाउड
2 साल का फ्री को—वर्किंग स्पेस
अरोड़ा के मुताबिक, भामाशाह टेक्नोहब एक मात्र टेक्नोहब है, जहां स्टार्टअप्स को को—वर्किंग स्पेस भी मुहैया कराया जाता है। यह वर्किंग स्पेस स्टार्टअप्स के लिए 2 साल तक फ्री आॅफ कॉस्ट मुहैया कराया जाता है। इस सेंटर में करीब 700 सीट बनाई गई हैं, जहां करीब 150 स्टार्टअप्स काम कर सकते हैं। अरेाड़ा का दावा है कि यह एक मात्र इंक्यूबेशन सेंटर है, जहां स्टार्टअप्स को फ्री में काम करने के लिए स्पेस दिया जाता है।
राजस्थान सरकार ने बनायाा 500 करोड़ का फंड
राज्य में स्टार्टअप्स को बूस्ट देने और उनकी फंडिंग के लिए राज्य की वसुंधरा सरकार ने 500 करोड़ रुपए का फंड भी बनाया है। यह एक फंड्स आॅफ फंड है। इसे 100 करोड़ महिला एंटरप्रेन्योर और 50 करोड़ ग्रीन स्टार्टअप्स के लिए रखा गया है।
मैक्सिमम 25 लाख तक की फंडिंग
राज्य सरकार यहां स्टार्टअप्स को जीरो से शुरुआत करने की सुविधा मुहैया कराती है। अगर कोई स्टार्टअप आइडिया पसंद आया तो पहले 2 लाख तक की सीड फंडिंग और बाद में 25 लाख तक की वेंचर कैपिटल भी मुहैया कराई जाती है।