राजधानी के 70 वार्डों में परिसीमन के दो साल बाद जमीन का नया गाइड लाइन रेट तय करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए युद्ध स्तर पर सर्वे कार्य किया जा रहा है। इस साल प्रशासन राजस्व वसूली में भी पिछड़ गया है। पिछले दो साल से रायपुर में कलेक्टर गाइडलाइन की दर तय नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि सर्वेेे के बाद यह देखा जाएगा कि किस इलाके की जमीन की मांग अधिक है और इसी के आधार पर ही कलेक्टर गाइडलाइन का रेट तय किया जाएगा।
रायपुर में 70 वार्ड हैं, इनमें सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे के आसपास की गाइडलाइन दर बढ़ाई जा सकती हैं। दो साल पहले ही परिसीमन के बाद शहर में लगभग सभी वार्डों की सीमा बदली है, लेकिन शहर के करीब 35 वार्ड ऐसे हैं, जहां प्रापर्टी की नाप अलग-अलग दिशाओं और लैंडमार्क से होगी। पंजीयन विभाग के महानिरीक्षक धर्मेश साहू के मुताबिक सर्वे के लिए पहले ही सर्कुलर जारी किया जा चुका है।
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