झारखंड के विभिन्न जिलों के 25 से अधिक राइस मिलों पर सरकार के 89.87 करोड़ रुपये का बकाया है. इन राइस मिलों ने धान की कुटाई के बाद इतनी रकम का चावल खाद्य निगम को नहीं दिया. बकाया राशि की वसूली के लिए सरकार और राइस मिलों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है. इस बीच बकाया राशि की वसूली के लिए 10 राइस मिलों के संचालकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
जिन राइस मिल संचालकों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उनमें आदित्य राइस मिल, गणपति राइस मिल, संकट मोचन राइस मिल, लक्की राइस मिल और अन्य शामिल हैं. राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद कर राज्य के विभिन्न जिलों के राइस मिलों को उनकी क्षमता के अनुरूप देती है. नियमानुसार मिलों द्वारा कुटाई के बाद खाद्य निगम को चावल देना होता है, लेकिन राज्य में वित्तीय वर्ष 20011-12 से 2019-20 की अवधि तक 25 से अधिक मिलों ने 89.87 करोड़ रुपये मूल्य का चावल खाद्य निगम को नहीं दिया है.
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