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राजे की मुश्किल राह

राजस्थान में चुनाव से पहले निकाली गई 40 दिनों की सुराज गौरव यात्रा के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जोधपुर संभाग में काले झंडे दिखाए गए, पत्थर फेंके गए और रास्ता रोका गया. मगर मुख्यमंत्री के चुनावी रणनीतिकार मेवाड़ के मुकाबले इस इलाके को पहले से ही चुनौतीपूर्ण मान रहे थे. मेवाड़ में उनकी यात्रा अपेक्षाकृत शांति से गुजरी.
जोधपुर संभाग का इलाका पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मजबूत गढ़ तो है ही, इसके अलावा साफ है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के राजपूत समर्थकों ने भी 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने नेता को दरकिनार करने की वजह से राजे को माफ नहीं किया है. 24 और 25 अगस्त को पीपाड़ और ओसियां में गहलोत समर्थक प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले पर पत्थर फेंके, नाराज राजपूतों ने उनका रास्ता रोका और जाट किसानों ने काले झंडे दिखाए.
इससे नाराज राजे ने गहलोत पर विरोध प्रदर्शन करवाने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा, “यह महिलाओं का अपमान है और सत्ता में होने के बाद भी मुझे महिला होने के नाते यह झेलना पड़ा. लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूं.” उन्होंने जोर देकर कहा कि लोग उनकी सरकार के कामों से खुश हैं और “मुट्ठीभर” प्रदर्शनकारियों के उठाए मुद्दों का विकास से कोई लेना-देना नहीं है.
गहलोत ने इन विरोध-प्रदर्शनों में किसी भी तरह अपना हाथ होने से फौरन इनकार किया. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने ही पिछली दो चुनावी यात्राओं में राजे को सुरक्षा मुहैया की थी. हालांकि गहलोत समर्थकों को पत्थरबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
इस बीच राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान ने 2003 दोहराए जाने की भविष्यवाणी की, जब राजपूतों के हाथों इसी किस्म की हिंसा का नतीजा राजे की जीत की शक्ल में सामने आया था. उन्हें लगता है कि आने वाले चुनावों में राजपूत राजे को ही अपना समर्थन देंगे.
मगर हिंसा ने बची हुई यात्रा के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है. अभी तक इस यात्रा का जोर भाजपा सरकार की कल्याण योजनाओं के बारे में वोटरों को बताने पर रहा है.
 
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वहीं सचिन पायलट मुख्यमंत्री पर तंज कस रहे हैं. वे कहते हैं, “राजे को तो असल में “जवाबदेही यात्रा” पर निकलना चाहिए था और बताना चाहिए था कि वे इतने सारे मोर्चों पर नाकाम कैसे रहीं.” राज्य के कांग्रेस प्रमुख पायलट ने साफ तौर पर भाजपा पर अपने अभियान के लिए सरकारी खजाने से धन खर्च करने का आरोप लगाया है.
हालांकि मेवाड़ में राजे की यात्रा में जुटी भीड़ को देखकर उन्होंने भी आनन-फानन इसका मुकाबला करने की कोशिश की और 11 अगस्त को एक असरदार रोडशो के लिए राहुल गांधी को ले आए. 24 अगस्त को उन्होंने चित्तौडग़ढ़ में विशाल जनसभा का आयोजन किया ताकि कांग्रेस की लोकप्रियता को दिखा सकें.
राज्य में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में आने वाले हफ्तों में सियासी गहमागहमी बढ़ेगी और बहुत मुमकिन है कि स्थितियां बिगड़ें भी. सुराज गौरव यात्रा के समापन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की संभावना है.
अपनी यात्रा के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शनों से नाराज राजे ने इन्हें महिलाओं का अपमान करार दिया.