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अब्राहम अकॉर्ड में सबसे बड़ा Loser बनकर उभरा पाकिस्तान, तुर्की ने भी छोड़ा साथ

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28-12-2020

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रप भले ही साा से बाहर जा रहे हो, लेकिन उनकी कुछ उपलिधयां ऐसी हैं जो भुलाये नहीं भूली जाएंगी। उनमें से एक है ऐतिहासिक अब्राहम अकॉर्ड, जिसके अंतर्गत मध्य एशिया के कई इस्लाम बहुल देशों ने वर्षों की संकुचित विचारधाराओं को दूर करते हुए इजऱाएल के साथ संबंध स्थापित किये। लेकिन जाने-अनजाने में इस अकॉर्ड से एक देश को बिना किसी विशेष निर्णय या कार्रवाई के उसकी औकात बताई गई है, और वह है पाकिस्तान।

यदि अब्राहम अकॉर्ड ने किसी देश को तबीयत से धोया है, तो वह है पाकिस्तान। जिसके कारण अब कोई भी देश उस इस्लामिक देश से संबंध नहीं बनाना चाहता। अपनी सनक में एक समय तो पाकिस्तान ने 1967 के 6 डे वॉर में इस्लामिक देशों की मदद हेतु अपने वायुसेना के जहाज भी भेजे थे। लेकिन आज उसकी हालत ऐसी है कि उसका नया आका तुर्की भी इजऱाएल के साथ अपने संबंध सुधारने पर विचार कर रहा है।

कुछ महीने पहले तुर्की और ग्रीस के बीच भूमध्य सागर में घुसपैठ को लेकर हुई तनातनी पर इजऱाएल ने तुर्की की आक्रामकता को चिंताजनक माना था और एक अप्रत्यक्ष संदेश भेजा था कि अब ईरान के बजाए तुर्की उसके लिए चिंता का विषय बन सकता है। लेकिन तुर्की जल्द ही समझ गया कि इजऱाएल से पंगा लेना मतलब अपनी ही बर्बादी का गाजे बाजे सहित निमंत्रण देना होगा, इसलिए वह अब इजऱाएल से अपने संबंध सुधारने पर विचार कर रहा है। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एरदोगन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि अगर फिलिस्तीन का मुद्दा छोड़ दिया जाए, तो तुर्की स्वयं चाहता है कि इजऱाएल के साथ रिश्ते बेहतर हों, और इसके लिए उन्होंने ये भी बताया कि दोनों देशों के बीच अब इंटेलिजेंस के मुद्दों पर बातचीत पुन: प्रारंभ हुई है।

संभव है कि यह निर्णय तुर्की ने वर्तमान समीकरणों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि उसे सऊदी अरब का प्रकोप कम से कम झेलना पड़े। दरअसल एरदोगन के खलीफा बनने की चाह ने उन्हें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात यानि यूएई का प्रमुख विरोधी बना दिया है, और ऐसे में इजऱाएल के प्रति ये नरम रुख यही संदेश देता है कि समय आने पर वह भी इजऱाएल से अपने संबंध सुधारने पर ध्यान देंगे।

ऐसे में अब पाकिस्तान की हालत धोबी के कुो की तरह हो गई है, जो न घर का रहा और न ही घाट का। जिस प्रकार से पाकिस्तान को अब्राहम अकॉर्ड के अंतर्गत कई देशों ने दुलाी मारी है, और अब तुर्की भी उससे मुंह मोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, उससे यही स्पष्ट होता है कि यदि पाकिस्तान समय रहते नहीं सुधरा तो वह एक दिन पूरी दुनिया से अलग थलग पड़ जाएगा और उसके पास बंजर जमीन के सिवा कुछ नहीं बचेगा।