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Editorial :- कांग्रेस के हाथ से छूटा ना माओवादियों का भी साथ..

आज के समाचार के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि कांगे्रस के नेता दिग्विजय सिंह का माओवाद के साथ लिंक है।
इसके पूर्व के समाचार के अनुसार पुणे पुलिस  का आरोप है कि पीएम मोदी के खिलाफ राजीव गांधी जैसी हत्या की साजिश भी रची जा रही थी। आरोप लगाते समय जो तथ्य प्रस्तुत किये गये उनके अनुसार कांग्रेस नेताओं की ओर भी इशारा किया गया था जो इस हेतु फंडिंग करने हेतु तत्पर थे।
शहरी नक्सल की गिरफ्तारी के तुरंत बाद राहुल गांधी ने रोष प्रकट किया था। वामपंथी दलों ने तो विरोध किया ही था। इस संबंध में भी समाचार और समाचार विश£ेषण प्रकाशित हो चुके हैं।
आज के समाचार के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा हालिया बहुशहर के क्रैकडाउन में गिरफ्तार लोगों से पुलिस द्वारा जब्त किए गए एक पत्र में एक संपर्क नंबर था, जिसमें कथित रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह। यदि आवश्यक हो तो आप हमारे मित्र से संपर्क कर सकते हैं ‘, संख्या के साथ लिखे गए शब्द थे।
भीमाकोरेगांव हिंसा के सिलसिले में जब्त एक और पत्र भी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में उनकी सहायता करने के लिए कांग्रेस नेताओं की इच्छा को उद्धृत करता है।
शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी और भीमाकोरेगांव हिंसा के संबंध में दिग्विजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री चौहान ने लिखा, ‘कांग्रेस नेता का कथित लिंक चिंता का विषय है। पहले, उन्होंने इस मामले के बारे में गैर जिम्मेदार बयान दिए थे। कांग्रेस पार्टी को इस मामले की जांच करनी चाहिए और उसे पार्टी से बर्खास्त करना चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर एक गंभीर हमला किया और लिखा:
Óइन कांग्रेस नेताओं का वास्तविक चेहरा सार्वजनिक रूप से बाहर है। उन लोगों के साथ संबंध रखना शर्मनाक है जो हमारे देश को विभाजित करना चाहते हैं। परिवार को सत्ता में लाने के लिए देश को धोखा देना। भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।  
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा : , ‘एक पत्र ऐसा मिला है, जिसमें प्रदर्शन के लिए माओवादियों को फंड देने की बात कही गई है और उसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नंबर मिला है, जो राहुल
गांधी के गुरु हैं।
संबित पात्रा ने कहा, ‘2011 में मलकानगिरी के कलेक्टर को एक जेई के साथ अगवा किया गया था। इसके बदले में 8 माओवादियों की रिहाई की मांग की गई थी। रिहा किए गए नक्सलियों में . पदमा नाम की महिला भी शामिल थी। वह टॉप माओवादी . हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की पत्नी थी। आपको आश्चर्य होगा कि यही . पदमा एनएसी के हर्ष मंदर के अनाथालय की इंचार्ज थी।Ó
बीजेपी के जवाब में मनीष तिवारी ने संभाला मोर्चाबीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी ने भी मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब हमने 5 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी देखी है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘अगर यह अघोषित आपातकाल नहीं तो क्या है? यह केवल बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि यह भारत के संविधान पर भी अटैक है।Ó
उक्त स्पष्टीकरण में गिरफ्तार शहरी नक्सल को कार्यकर्ता कहा गया है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि वे उनके अनुसार कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं?
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह ने २६/११ मुंबई ब्लास्ट के लिये भी आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया था और इस प्रकार की पुस्तक का उन्होंने विमोचन भी किया था। उनके अनुसार  हाफिज सईद २६/११ के लिये जिम्मेदार नहीं था।
इसी प्रकार से कांग्र्रेस के नेता गुलामनबी आजाद ने कुछ दिनों पूर्व कहा था कि कश्मीर में सेना के द्वारा जो ऑपरेशन किया जा रहा है उसमें  आतंकवादियों से ज्यादा आम नागरिक मारे जा रहे हैं। इस वक्तव्य के तुंरत बाद हाफिज सईद ने कांग्रेस पार्टी को अपना हमदर्द बताया था।
दिग्विजय सिंह के  अनुसार जाकिर नाईक शांति दूत रहे हैं। भारत सरकार उनकी जाकिर नाईक की गिरफ्तारी का जो प्रयास कर रही है उसके विरोध में कांगे्रस के प्रवक्ता तहसीन पूनावाला और पूर्व विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद भी वक्तव्य जारी कर चुके हैं।
इन सब बातों से ऐसा लगता है कि दिग्विजय सिंह ही नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी भारत में गृहयुद्ध की स्थिति उत्पन्न करना चाहती है और इसके लिये पाकिस्तान तथा चीन से भी सहायता लेने को तत्पर है। कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य येनकेनप्रकारेण सत्ता हथियाना है।
मोदी हटाओ अभियान चलाकर कांग्रेस कुछ विपक्षी परिवारवादी पार्टियों को इक_ करने का प्रयास कर रही है।
प्रजातंत्र में विरोध करने का सबको अधिकार है परंतु हिंसा के माध्यम से गृहयुद्ध की स्थिति पैदा  करना और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये भारत के दुश्मन पाकिस्तान और चीन की सहायता लेना यह कदापि उचित नही है। कांग्रेस को इस रास्ते से पीछे हटना ही होगा और देशहित के बारे में ही सोचना होगा।