छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेविधानसभा में घोषणा की कि केंद्र सरकार अगर एनएमडीसी के नगरनार संयंत्र का निजीकरण करती है, तो इसे छत्तीसगढ़ सरकार खुद खरीदेगी. निजी हाथों को सौंपने के बजाय इसे सरकारी तौर पर खरीदकर चलाया जाएगा.
सीएम भूपेश इस संबंध में सदन में पेश शासकीय संकल्प पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे. यह संकल्प विपक्ष के संशोधनों को शामिल करने के बाद सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. इसे सीएम का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, क्योंकि चर्चा के दौरान विपक्ष ने कहा था कि संयंत्र को निजी हाथों में जाने से रोकना चाहते हैं तो राज्य सरकार इसे खरीद ले.
उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने सार्वजनिक उपक्रम के लिए अपनी जमीनें दी हैं. केंद्र के विधि सलाहकार ने भी कहा है कि नगरनार संयंत्र को नहीं बेचा जाए. परिसम्पत्तियों को बेचने का काम केंद्र सरकार कर रही है. ओएनजीसी क्या घाटे में चल रहा है? शिव रतन शर्मा कह रहे थे एमटीएनएल का निजीकरण किया, मैंने पहले भी कहा था, ये लोग गोएबलस से प्रभावित लोग हैं. एमटीएनएल का विनिवेश हुआ ही नहीं, ये मोदी सरकार ने ही बताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि टाटा प्लांट से जमीन लेकर हमने किसानों को लौटाई है.
ये लोग बोल नहीं पा रहे हैं कि ये बस्तर के आदिवासियों के साथ हैं या केंद्र सरकार के साथ. नगरनार इस्पात संयंत्र छत्तीसगढ़ सरकार खऱीदेगी. मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि बीजेपी की ओर से यह प्रस्ताव आया है कि जैसे बाल्को के वक्त अजीत जोगी ने खरीदी का प्रस्ताव दिया था, हम भी विपक्षी सदस्यों के इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं. छत्तीसगढ़ नगरनार इस्पात संयंत्र खरीदने का प्रस्ताव रखती है.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हम दिल्ली जाकर इस संबंध में बात करेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विनिवेश के हालात में छत्तीसगढ़ सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र चलाएगी, इसे निजी हाथों में जाने नहीं दिया जाएगा.
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