अमित शाह का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शनिवार से दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस बात पर सहमति बनी. चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आयोजित इस बैठक में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के बाद जो हालात बने हैं, उस पर चर्चा की भी संभावना जताई जा रही है. पार्टी तय करेगी कि इस मसले पर विपक्ष को किस तरीके से जवाब देना है और जो भ्रम की स्थिति खड़ी हुई उससे किस तरीके से निपटा जाए. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी एनआरसी पर भी बड़े पैमाने पर चर्चा करने जा रही है.
बैठक में तय किया गया कि अमित शाह को अध्यक्ष के तौर पर 1 साल का और कार्यकाल दिया जाएगा. जनवरी 2019 में अमित शाह का कार्यकाल खत्म होना था लेकिन अब वे 2020 तक संगठन के प्रमुख बने रहेंगे और उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी आसन्न लोकसभा का चुनाव लड़ेगी. अमित शाह पदाधिकारियों की बैठक में बोले कि हमको 2014 से ज्यादा प्रचंड बहुमत के साथ 2019 में जितना है. हमारे पास दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय है नेता नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने कहा कि 3 राज्यों के विधानसभा चुनाव के अलावा तेलंगाना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह देशभर कें अपने क्षेत्रीय अध्यक्ष एवं संगठनमंत्रियों के साथ बठक कर रहे हैं.
Nationalism Always Empower People
More Stories
जम्मू-कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा दक्षिण कश्मीर लोकसभा सीट पर गठबंधन को खारिज करने के बाद पीडीपी कांग्रेस से संपर्क करेगी
आईटी ट्रिब्यूनल ने पिछले टैक्स रिटर्न पर जुर्माना हटाने की कांग्रेस की अपील खारिज कर दी
एमएससीबी घोटाला: ईडी ने शरद पवार के पोते की 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की