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शिवराज की सपाक्स से अपील- प्रदेश में समरसता बनाने में करें मदद

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मध्य प्रदेश में जातिवाद की आग सुलगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को पहली बार सपाक्स (सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ) के पदाधिकारियों से रूबरू हुए। उन्होंने संस्था से प्रदेश में समरसता बनाने में मदद की अपील की है। इस दौरान उन्होंने ‘माई के लाल’ पर कहा कि मेरा आशय ऐसा नहीं था। गौरतलब है कि सीएम ने एक सम्मेलन में कहा था कि हमारे रहते हुए कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता।
करीब 15 मिनट चली चर्चा में एट्रोसिटी एक्ट, पदोन्नति में आरक्षण, संस्था की मान्यता और बैकलॉग पदों पर भर्ती को लेकर बात हुई। करीब सात महीने बाद मुख्यमंत्री चौहान ने संस्था के पदाधिकारियों को सीएम हाउस बुलाया था। यहां ‘माई के लाल’ बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा आशय ऐसा नहीं था। वहीं, संस्था की अन्य मांगों पर सहृदयता से विचार करने का भरोसा दिलाया। पदोन्नति में आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट में केंद्र सरकार द्वारा संशोधन के बाद प्रदेश के हालात बिगड़ने और चुनाव की नजदीकी को देखते हुए सरकार ने अनारक्षित वर्ग को साधने की जुगत लगाई है।
गलती सुधारेंगे
संस्था ने बैकलॉग के रिक्त डेढ़ लाख पदों की गणना में गड़बड़ी की आशंका जताई। साथ ही इन पदों पर नियुक्ति में अनारक्षित वर्ग को भी शामिल करने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने पदों की गणना में हुई गलती को सुधारने का भरोसा दिलाया है।
एट्रोसिटी एक्ट पर बोले सीएम-शासन उचित कार्रवाई कर रहा
पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोर्ट का फैसला आने दें, फिर देखेंगे, जबकि एट्रोसिटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी से पहले जांच की मांग पर सीएम बोले कि मामले में शासन उचित कार्रवाई कर रहा है। संस्था की मान्यता का मुद्दा भी इस दौरान चर्चा में आया। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं तो पहले ही मान्यता देने का कह चुका हूं।कौन नहीं कर रहा मदद, यह सबके सामने है
सीएम की प्रदेश में समरसता बनाने में मदद की अपील पर संस्था के पदाधिकारियों ने उनसे कहा कि कौन मदद नहीं कर रहा है, ये साफ है। अनारक्षित वर्ग ने छह सितंबर को भारत बंद रखा था, जो शांतिपूर्ण रहा और आरक्षित वर्ग ने दो अप्रैल को भारत बंद किया था, उसके परिणाम आपके सामने है।