Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

जो बाइडन के डर से चीन ने खेला Russia Card लेकिन पेपर ड्रैगन, पुतिन को नहीं कर पाया प्रभावित

02-01-2021

इन दिनों चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की हालत बहुत खराब है। उन्हें लग रहा था कि जो बाइडन के साा ग्रहण से उनका प्रभाव और बढ़ेगा, लेकिन जो बाइडन ने तो उलटे चीन को सबक सिखाने की ठान ली है। उनके अनुसार, सोमवार को बाइडन महोदय ने चीन को झिंझोड़ते हुए व्यापार, तकनीक और मानवाधिकार का मखौल बनाने के पीछे जमकर  खरी खोटी सुनाई है ऐसे में अब चीन को ये भय सता रहा है कि कहीं बाइडन चीन के लिए ट्रप से भी अधिक खतरनाक न निकले। इसलिए उन्होंने रूस कार्ड खेलना शुरू कर दिया है।

लेकिन बाइडन ने ऐसा भी कह दिया, जिसके कारण चीनी प्रशासन के हाथ पाँव फूलने लगे हैं? दरअसल सोमवार को अमेरिका और चीन के संबंधों पर बोलते हुए बाइडन ने बताया, “अमेरिका और चीन के संबंध के बारे में कोई भी विदेशी नीति हो, जहां मध्य वर्ग की प्राथमिकता के बारे में सोचना है, या फिर अमेरिकी हितों की रक्षा करनी है, या फिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र की संप्रभुता की रक्षा करनी हो, हमारी नीतियाँ अधिक सशक्त और मजबूत सिद्ध होंगी, जब हम समान विचार वाले देशों के साथ मिलके इस विषय पर काम करेंगे”

फिर या था, जिनपिंग महोदय की सिट्टी-पिट्टी गुल हो गई और उन्होंने तुरंत रूसी राष्ट्राध्यक्ष को फोन लगाया, ताकि रूस और चीन के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके, और अमेरिका से आने वाले इस संभावित खतरे को टाला जा सके। शी जिनपिंग इसलिए ज्यादा घबराए हुए हैं

योंकि बाइडन ने स्पष्ट तौर पर इंडो पैसिफिक क्षेत्र की रक्षा की बात की, और उसे डर है कि कहीं इसके बाद क्त्रष्ठ समूह को अधिक बल न मिलने लगे, जिससे चीन द्वारा इंडो पैसिफिक पर कजा करने के वाबों पर पूरी तरह पानी फेर दिया जाएगा।

लेकिन पुतिन के जवाब को देखकर ऐसा तो कतई नहीं लगता कि उन्हें इस संबंध में जरा भी रुचि है। उनके अनुसार दोनों देश अहम मुद्दों पर सहायता के बारे में थोड़ी बहुत बातचीत की, लेकिन चीन रूस की एकता पर प्रहार करने वालों की खबर लेने की जो तत्परता चीन ने दिखाई, उसमें रूस कतई कोई नहीं रुचि रखता।

इसके पीछे एक बहुत स्पष्ट कारण है – वुहान वायरस के कारण हुआ रूस को नुकसान। अब तक इस महामारी के कारण जितने रूसियों की जान गई है, उनकी संया सार्वजनिक करने से रूस कतरा रहा था। लेकिन जिस प्रकार से हाल ही में रूसी सरकार ने अपने वास्तविक आँकड़े सार्वजनिक किए हैं। उसे देखके तो कतई नहीं लगता कि वह चीन के साथ किसी भी प्रकार का संबंध स्थापित करने को इच्छुक होगा। उनके अनुसार रूस में वुहान वायरस से मारे गए लोगों की संया पुराने आंकड़ों से लगभग तीन गुना ज्यादा है, यानि अब तक 60000 लोग नहीं, बल्कि 1 लाख 86 हजार से भी अधिक लोग इस महामारी से मारे जा चुके हैं।

इसके अलावा रूस ने हाल ही में सोवियत रूस के जमाने की एक टेस्टिंग लैब को दोबारा सक्रिय करने की स्वीकृति दी है, जिसमें भीषण ठंड में भी फायर किए जाने वाले शस्त्रों का परीक्षण होगा। ऐसे में रूस का रुख स्पष्ट है – वैचारिक तौर पर अमेरिका से चाहे जो मतभेद हों, पर इसका फायदा वह ऐसे देश को कतई नहीं उठाने देगा, जिसके कारण न सिर्फ उसके देश की संप्रभुता पे, बल्कि उसके लोगों पर भी खतरा बन आया है।