September 26, 2018
भारत के प्रधानमंत्री को इटली में पैदा हुए फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी ने पाकिस्तान की शह पर चोर कहा।
इस संदर्भ में संक्षिप्त में मैं कुछ घटनाओं की चर्चा करते हुए ये बताने का प्रयास कर रहा हूं कि राहुल गांधी स्वयं चोर हैं और इसीलिये शोर मचा रहे हैं।
गांधी सरनेम की चोरी किसने की, क्यों की?
क्या राहुल गांधी कभी अपने दादा फिरोज खान की समाधि पर कभी गये? कभी दो फूल भी वहॉ चढ़ाये?
राहुल गांधी अपने थूक को स्वयं ही चांट रहे हैं। उन्हें यह भी याद रखना चाहिये यदि वे सूरज को देखकर थूंकने का प्रयास करेंगे तो वह उन पर ही गिरेगा।
अभी हाल ही में ग ुजरात विधानसभा चुनाव के समय राहुल गांधी ने स्वयं ही कांग्रेस अध्यक्ष के नाते के प्रवक्ताओंं और नेताओं को यह निर्देश दिया था की कोई भी पीएम मोदी पर व्यक्तिगत आक्षेप न करे।
उनके इस आदेश का गांधी परिवार के अनन्य भक्त मणिशंकर अय्यर ने उल्लंघन करते हुए अपने घर में आयोजित विवादास्पद रात्रि भोज से लौटकर पीएम मोदी को नीच कहकर संबोधित किया था।
मणिशंकर अय्य़र के इस अपराध पर संज्ञान देते हुए राहुल गांधी ने उन्हें कांग्र्रेस से निलंबित कर दिया था। वह निलंबन दिखावटी था इसलिये उसे वापस भी ले लिया गया। वास्तविकता यह थी कि राहुल गांधी के निर्देश पर ही पाकिस्तान के इशारे पर मणिशंकर अय्यर ने नीच शब्द का उपयोग किया था।
राहुल गांधी जब से कांगे्रस पार्टी का प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष नेतृत्व कर रहे हैं तब से कांग्रेस ५० से भी कम सीटों पर सिमट गई है। एक पर एक प्रांत से वह सत्ता से हटते जा रही है। पंजाब और कर्नाटक के अलावा एक दो छोटे राज्य तक ही उसकी सत्ता सीमित है।
संभव है उक्त निर्देश देते समय राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गंाधी द्वारा २००७ में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मौत का सौदागर कहा था। नतीजा यह हुआ था कि कांग्रेस वहॉ बुरी तरह से हारी थी।
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय मणिशंकर अय्य़र के घर एक रात्रि भोज का आयोजन किया गया था उसमें पाकिस्तान के यहॉ के राजदूत और पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री कसूरी के साथ मोदी सरकार के विरूद्ध षडयंत्र करने की रूप रेखा तैय्यार की जा रही थी। उसमें देशविरोधी हरकत करने वाली अनेक नामी–गिरामी हस्तियां उपस्थित थी।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी थे। वे किस प्रकार के प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति थे इसकी यहॉ चर्चा करना कोई आवश्यक नहीं है।
पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘राहुल अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेंसिबल बातें कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी उनसे डर गए हैं‘। रहमान मलिक ने ये भी लिखा है ‘नोट कर लीजिए राहुल गांधी अगले इलेक्शन में प्रधानमंत्री मोदी को हराएंगे। राहुल गांधी आपके अगले प्रधानमंत्री बनने वाले हैं इसलिए उनका सम्मान कीजिए।ÓÓ
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने यहां तक कह दिया कि ‘राफेल मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी के लिए पनामा साबित होगा।ÓÓ
यहॉ यह स्मरण दिलाना आवश्यक है कि सितंबर 2013 में पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शऱीफ ने उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को “देहातन” कहकर उनका मज़ाक उड़ाया था। तब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे औऱ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री। मोदी ने दिल्ली में अपनी चुनावी रैली में कहा था कि देश में हम अपने पीएम से चाहें लड़ाईं करें, उनसे चाहे सवाल पूछें लेकिन नवाज शरीफ की इतनी औकात नहीं है कि वो हमारे भारत के प्रधानमंत्री का ऐसा मज़ाक उड़ाएं। राहुल गांधी भी इसी रास्ते पर चलेंगे तो अच्छा होगा।
राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के समय पीएम मोदी पर व्यक्तिगत आक्षेप न करने का जो निर्देश दिया था उसकी पृष्ठभूमि की चर्चा के लिये कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा हूं।
राहुल गांधी को यह मालुम होना चाहिये कि नरेन्द्र मोदी सिर्फ भाजपा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के १३० करोड़ भारत की जनता के प्रधानमंत्री हैें। सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि रावण ब्राम्हण था। राक्षसी प्रवृत्ति का था। उसे यह महारथ थी कि वह अपना कोई भी रूप धारण कर सकता था।
साधू वेश में वह सीता को हरण किया था। कहा जाता है कि रावण चाहता था कि उसकी मौत राम के हाथों हो। जिससे कि उसे अपने पापों से मुक्ति मिले, मोक्ष मिले।
वह अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिये राम को सीधे रूप से यह नहीं कह सकता था कि वे उसे मार डालें। इस प्रकार से तो वह कायर कहलाता।
यह जानकर ही उसने सीता का हरण किया था क्योंकि उसे मालुम था कि ऐसा करने से उसके और राम के बीच युद्ध होगा और उसे मुक्ति मिलेगी।
More Stories
चीन के पसरते पांव पर लगाम लगाना आवश्यक
चीन के पसरते पांव पर लगाम लगाना आवश्यक
श्रीलंका को कर्ज मिलना राहत की बात