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Editorial :- शिव भक्ति के बाद अब बहुरूपीये ब्राम्हण राहुल की रामभक्ति पर चर्चा शुरू

September 27, 2018 

फिरोज खान के पौत्र और क्रिस्चियन सोनिया गांधी के पुत्र राहुुल गांधी अपने आपको शिवभक्त  जाहिर करते रहे और अब आज के समाचार के अनुसार वे अपने आपको रामभक्त जाहिर कर क्या वोटों की राजनीति कर रहे हैं?
दो उदाहरण यहॉ देना पर्याप्त रहेगा। सलमान खान के पिता मुस्लिम हैं और माता हिन्दू हैं। परंतु पिता के कारण वे अपने आपको मुस्लिम ही कहते हैं। इसी प्रकार से हम संजय दत्त का भी उदाहरण ले सकते हैं। उनके पिता सुनील दत्त हिन्दू थे और माता नरगिस मुस्लिम थी। पिता हिन्दू होने की वजह से संजय दत्त अपने आपको हिन्दू कहते हैं।
फिरोज खान के पुत्र राजीव गांधी को क्या कहा जाये यह तो कांग्रेस ही बता सकती है। इसी प्रकार से राहुल गांधी हिन्दू हैं या और कुछ यह तो कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिये।  
फिरोज खान के पौत्र और क्रिस्चियन सोनिया गांधी के पुत्र अपने आपको क्या कहें यह उन पर निर्भर है। यदि वे अपने आपको हिन्दू मुस्लिम और सिर्फ हिन्दुस्तानी ही कहें तो भी कोई अनुचित नहीं।
वोट बंैक पॉलिटिक्स के चलते कोई अपने आपको कभी मुस्लिम और कभी हिन्दू कहे और उसी के अनुसार रूप धारण करे तो यह जनता की आंखों में धूल झोंकना ही होगा।
रावण ब्राम्हण था क्योंकि उनकी माता एक राक्षसणी थी जबकि पिता ब्राह्मण जाति के थे : रावण शिव भक्त था: राम के हाथों मृत्यु प्राप्त कर वह अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त करना चाहता था।
साधू का वेश धारण कर ब्राम्हण रावण ने सीता का हरण किया था। अतएव कोई अपने आपको जनेऊधारी ब्राम्हण का रूप धारण कर ले तो उससे वास्तविकता तो छिप नहीं सकती।
राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी का विवाह जब क्रिस्चिन रॉबर्ट वाड्रा से होना तय हुआ तो क्रिस्चियन पादरी ने संभवत: यह निर्देश दिया कि प्रियंका जी को कैथोलिक क्रिस्चियन बनने की प्रथा से होकर गुजरना पड़ेगा। प्रियंका जी ने ऐसा किया भी।
इसके बाद भले ही मीडिया उन्हें प्रियंका गांधी कहते रहे परंतु प्रियंका जी ने एक बार वक्तव्य दिया था कि मीडिया उन्हें प्रियंका गांधी नहीं बल्कि प्रियंका वाड्रा कहकर संबोधित करे।
फिरोज खान के पौत्र और सोनिया गांधी के पुत्र राहुल गांधी किस प्रथा से और कब गुजरे हैं यह तो पब्लिक डोमेन में नही है।
भगवान श्री राम ने किया था पुनपुन नदी के तट पर पूर्वजों का पिंडदान।
अभी पित्र पक्ष चल रहे हंै। राहुल गांधी अपने पूर्वजों का किस प्रकार से पिंडदान कर रहे हैं यह तो पब्लिक डोमेन में नहीं है।
हिन्दुओं की दुश्मन कांग्रेस रही है, कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में राममंदिर की सुनवाई टालने का दबाव बनाया था।
यूपीए शासनकाल में हिन्दुओं को बदनाम करने के लिये हिन्दू आतंकवाद और सेफरन टेरर के झूठ का प्रचार किया गया था।
अपने आपको शिवभक्त और जनेऊधारी ब्राम्हण कहने वाले राहुल गांधी ने भी अमेरिका जाकर यह कहा था कि भारत को लश्कर से भी ज्यादा खतरा हिन्दू आतंक से है।
इन सब क्रियाकलापों से जनता भ्रमित है।   राहुल गांधी को भी अपनी वास्तविकता जाहिर करने में संकोच नहीं होना चाहिये।
राहुल गांधी को होशंगाबाद के फैज मोहम्मद खान से सबक लेना चाहिये। कौन बनेगा करोड़पति यानी केबीसी के 10वें संस्करण को होस्ट कर रहे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सामने मंगलवार की रात को हॉट सीट पर बैठे मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के फैज मोहम्मद खान ने कहा कि वह कितना खुशनसीब है कि वह इस मुल्क का मुसलमान है। यह सुनकर अमिताभ बच्चन भावुक हो गये थे।
आज पटना में राहुल गांधी को ब्राम्हण बताते हुए जो पोस्टर लगाये गये हैं उसमें अन्य कांग्रेसी नेताओं की जो फोटो है उसके नीचे उनकी जाति भी लिखी गई है।
इस प्रकार के क्रियाकलाप देशहित में नहीं कहे जा सकते।