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Editorial :- दुश्मन का दुश्मन मित्र..

4 October 2018

मोदी योगी फोबिया से ही नहीं बल्कि आरएसएस फोबिया से भी ग्रस्त हैं राहुल गांधी। वे येनकेनप्रकारेण सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं।
उनके पूर्वज नेहरू ने भी प्रधानमंत्री बनने की लालसा में महात्मा गांधी की पीठ पर छुरा घोंपकर भारत का विभाजन स्वीकार कर लिया था। यहॉ यह उल्लेखनीय है कि जब नेहरू १५ अगस्त १९४७ को स्वतंत्रता दिवस की खुशी मना रहा था ठीक उसी समय महात्मा गांधी बंगाल के एक कोने में अज्ञात स्थान पर शोक मना रहे थे, गम में डूबे हुए थे।
यह तो कई बार लिखा जा चुका है कि टुकड़ेटुकड़े गेंग अलगाववादियों के शहरी नक्सलवादियों के  सहयोग से राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस अपना चुनाव अभियान चला रही है।
अभी दो तीन दिनों पूर्व यूएन में जो भाषण पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने देते हुए आरएसएस और योगी का बारबार जिक्र जिन शब्दों के साथ किया था उन्हीं शब्दों का उपयोग राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस मोदी सरकार और आरएसएस के विरूद्ध करते रही है। इससे स्पष्ट है कि भारत का दुश्मन पाकिस्तान राहुल गांधी के साथ है।
राहुल गांधी के निर्देश पर पंजाब जहॉ खालिस्तानी आतंकवादी अपनी पुन: पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं उसी पंजाब के कांग्रेस शासन के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान जाकर बाजवा से गले मिल रहे थे और पीओके के पीएम के बगल में बैठे थे। यह किस ओर इशारा करता है?
अभी एकदो दिन पूर्व भारत की सीमा मेंं पाकिस्तान का ऐरोप्लेन घुसा था। उस एरोप्लेन में  पाक अधिकृत पीओके के पीएम भी बैठे थे। यह किस ओर इशारा करता है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के बारे में बहस में पाकिस्तानी राजनयिक ने दिलचस्प रूप से एक शब्द का इस्तेमाल किया जो कांग्रेस पार्टी पदानुक्रम द्वारा बनाया गया था।हिंदू चरमपंथीएक शब्द है कि कांग्रेस पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी थी।
कई अवसरों पर, कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस कोहिंदू चरमपंथीÓ संगठन के रूप में लेबल किया है। हाल ही में राज्य के चुनावों के दौरान कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धाराय्याह ने भारतीय जनता पार्टीहिंदुत्व अतिवादीकहा।
एक विकीलेक्स राजनयिक केबल से पता चलता है कि राहुल ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर को चेतावनी दी थी किकट्टरपंथी हिंदू समूहÓ की वृद्धि जो भारत में धार्मिक तनाव पैदा करती है, देश के लिए कुख्यात आतंकवादी संगठन लश्करतैयबा (एलईटी) की तुलना में देश को अधिक बड़ा खतरा पैदा कर सकती है।
इससे स्पष्ट है कि यूएन में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने भारत पर हमला बोलते हुए आरएसएस और योगी का जो उल्लेख किया है उसकी आधारशीला राहुल गांधी और उसकी कांग्र्रेस ने ही रखी है।
अभी रिपब्लिकन टीवी में खालिस्तानियों पर किये गये स्टींग ऑपरेशन और अन्य समाचारों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि चीन, शहरी नक्सल, टुकड़ेटुकड़े गैंग, अलगावादियों और खालिस्तानियों का निशाना भी कांग्र्रेस के जैसे ही आरएसएस भी है।
इससे पूर्णत: यह स्पष्ट हो जाता है कि
दुश्मन का दुश्मन मित्र
मोदी सरकार की दुश्मन कांग्रेस को मिला भारत के दुश्मन चीनपाक ्र्रक्कखलिस्तानियों का साथ