Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

एयरफोर्स डे विशेष: पायलट जिसने PAK के आगे नहीं टेके थे घुटने

देशभक्ति की भावना ऐसी होती है जिसे शब्दों में बयां करने बेहद मुश्किल होता है. आप सोच रहे होंगे की आज ऐसा क्या है दरअसल आज हमारी सशस्त्र बल सेनाओं में से एक भारतीय वायु सेना दिवस है. चलिए थोड़ा पीछे चलते है कारगिल युद्ध तो आपको याद ही होगा. इस युद्ध में हमने अपने कई जवान खो दिए थे. आज आपको एक ऐसे बाहदुर पायलट की कहानी बताने जा रहे हैं जो लड़ाई के दौरान दुश्मनों को चंगुल में फंस गया था लेकिन देश के प्रति उनका लगाव इतना था कि अपने प्राणों की परवाह नहीं की और दुश्मनों को सेना की खुफिया जानकारी नहीं दी.
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट नचिकेता को कारगिल में 17000 फीट से ज्यादा की उंचाई पर मौजूद पाकिस्तान चौकियों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था. अपने विमान मिग- 27 लेकर 26 साल के नचिकेता मिशन पर चले गए उन्होंने दुश्मन के कैंप पर हमला किया इसी दौरान उनके प्लेन के इंजन में आग लग गई. नचिकेता ने वहां से टर्बों इंजन के सहारे निकलने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे उन्हें विमान से कूदना पड़ा.
पाकिस्तानी सौनिकों ने उन पर हमला किया नचिकेता पहले ही उनपर हमला कर अपनी मैगजीन खाली कर चूके थे. हिफाजत के लिए वो जवान अपने पास एक छोटी पिस्टल रखते हैं. नचिकेता ने कहा कि जहां मैंने कवर ले रखा था, वहां पांच-छह लोग (मुझ पर) घात लगाए हैं. मैंने पहली गोली दागी और इसके बाद मैंने उन्हें रोकने की कोशिश में सारी गोलियां दाग दी, ताकि वह मेरे पास नहीं आएं. उनके पास जो पिस्टल थी उसकी रेंज महज 25 यार्ड था जबकि उनके पास ए के 56 थी. इसलिए पक्का था कि उनकी गोलियां पाकिस्तानी सैनिकों तक नहीं जा रही थी. इतने वो दूसरी मैगजीन भरते पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें बंधक बना लिया.
झेला जबरदस्त टार्चर
नचिकेता को बंधक बनाने के बाद उन्हें खूब टार्चर किया गया. पाकिस्तान के नार्दन लाइट इंफैन्ट्री के सैनिक बेहद क्रूर थे और उन्हें तबतक बुरी तरह पीटते रहे, जबतक उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें पीछे हटने को नहीं कहा. नचिकेता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वो लोग उन्हें मारना चाहते थे क्योंकि उनके लिए मैं एक दुश्मन था लेकिन वहां एक मैच्योर अधिकारी भी था. उसने समझा की मैं उनका बंधक हूं और मेरे साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए. अधिकारी ने उन लोगों को रोका लेकिन वो लोग काफी उग्र थे इसलिए काफी कोशिश लगी.
अब उड़ाते हैं विशाल Il-76 ट्रासपोर्ट विमान
नचिकेता की रिहाई के लिए भारत सरकार द्वारा की गई कोशिश के बाद उन्बें रेड क्रॉस के हवाले कर दिया गया, जो कि उन्हें भारत वापस लेकर आई. तब राष्ट्रपति केआर और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया. नचिकेता का साथ इतना कुछ होने के बाद भी उनका जज्बें में जरा सी भी कमी नहीं आई हालांकि कारगिल में इजेक्शन के दौरान उनकी पीठ में आई चोट की वजह से वो फाइटर प्लेन में तो वापसी नहीं कर पाए लेकिन अब वो विशाल Il-76 ट्रासपोर्ट विमान उड़ाते हैं.