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छत्तीसगढ़ को ठग रहा है नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (NMDC)

नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एनएमडीसी) अपने ही एक फैसले से घिर गया है. यह फैसला कर्नाटक के डोनिमलाई खदान से होने वाली आयरन ओर माइनिंग से जुड़ा है. दरअसल कर्नाटक सरकार ने डोनिमलाई खदान की माइनिंग लीज बढ़ाने के एवज में रायल्टी के साथ 80 फीसदी प्रीमियम की मांग की थी, जिसे देने से एनएमडीसी ने इंकार कर दिया था, जिसके बाद कर्नाटक सरकार ने माइनिंग पर रोक लगा दी थी. मामला कानूनी दहलीज तक पहुंचा. हाईकोर्ट ने एनएमडीसी के पक्ष में फैसला सुनाया, बावजूद इसके एनएमडीसी ने तमाम नियमों को ताक पर रखते हुए कर्नाटक सरकार को 15 फीसदी रायल्टी के अतिरिक्त 22.5 फीसदी प्रीमियम देने की सहमति दे दी. इस सहमति के बाद कर्नाटक सरकार ने डोनिमलाई खदान से दोबारा माइनिंग किए जाने की अनुमति जारी कर दी. कहा जा रहा है कि राजनीतिक दबाव की वजह से एनएमडीसी के नए सीएमडी सुमित देव को यह फैसला लेना पड़ा, लेकिन इस फैसले ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है. कर्नाटक को प्रीमियम देने की खबरों के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कर्नाटक की तर्ज पर राज्य को भी रायल्टी के अतिरिक्त प्रीमियम राशि की अदायगी की जाए.

एनएमडीसी छत्तीसगढ़ के बैलाडीला की खदानों से आयरन ओर की माइनिंग कर रहा है. इन खदानों से सालाना करीब 25 मिलियन टन आयरन ओर की माइनिंग की जाती है, जबकि कर्नाटक की डोनिमलाई खदान से सालाना करीब 7 मिलियन टन ही आयरन ओर की माइनिंग होती है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब एनएमडीसी की आयरन ओर की बड़ी जरूरत छत्तीसगढ़ से पूरी होती है, फिर कर्नाटक को 15 फीसदी रायल्टी के अलावा 22.5 फीसदी प्रीमियम किस नीति के तहत दिया जा रहा है. जबकि छत्तीसगढ़ को महज 15 फीसदी रायल्टी ही दी जा रही है. एनएमडीसी के लिए छत्तीसगढ़ देशभर में सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. यहां की खदानों में उच्च गुणवत्ता वाले आयरन ओर की माइनिंग होती है, बावजूद इसके छत्तीसगढ़ को एनएमडीसी ठग रहा है. सरकार भी इसे बखूबी समझ रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अधीनस्थ अधिकारी बताते हैं कि पिछले दिनों जब एनएमडीसी की माइनिंज लीज को बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार के सामने आया था, तब यह सुझाव भी सामने आया कि कर्नाटक की तरह की छत्तीसगढ़ में भी माइनिंग लीज तब तक न बढ़ाई जाए, जब तक की रायल्टी के अतिरिक्त प्रीमियम देने की मंजूरी एनएमडीसी न दे दे, लेकिन मुख्यमंत्री इस सुझाव पर सहमत नहीं हुए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि एनएमडीसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है. देश भर में आयरन ओर की बड़ी जरूरत छत्तीसगढ़ पूरा करता है, ऐसे में यह उचित नहीं होग.