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’दू पईडिल सुपोषण बर’ अभियान के जन सहभागिता के लिए सभी मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सरपंचों को कलेक्टर ने लिखा पत्र

’’दू पईडिल सुपोषण बर’’ अभियान को जनभागीदारी से संपन्न कराने हेतु तथा समाज में सुपोषण के प्रति जन जागरूकता के लिए कलेक्टर श्री रजत बंसल ने सर्व मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत सरपंच, सभी अनुविभागीय दंडाधिकारी तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अर्धशासकीय पत्र के माध्यम से अभियान को सफल बनाने में सहभागीता देने को कहा है।
    कलेक्टर श्री बंसल ने उल्लेख किया है कि बस्तर जिले को कुपोषण से सुपोषण की ओर अग्रसर करने हेतु सतत् प्रयास होते रहे है। कुपोषण से ग्रस्त शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास सामान्य शिशुओं की तुलना में कम होता है। यहां तक गंभीर कुपोषण शिशुओं की मृत्यु तक हो जाती है। कुपोषण से मुक्ति हेतु कार्य को जन आंदोलन का स्वरूप देना मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन की मंशा रही है। इस तारतम्य में जिले में 10 से 17 जनवरी 2021 तक ’’दू पईडिल सुपोषण बर’’ अभियान चलाया जाना निश्चित किया गया है। जिसमें प्रदेश एवं देश-विदेश से कई सायकल सवार सम्मिलित होगें। इस अभियान का उद्देश्य जिले को कुपोषण से शत्-प्रतिशत मुक्त कराना है। कुपोषण से मुक्ति में जनभागीदारी तय करने हेतु  जिले के समस्त जनों से स्वैच्छिक दान करने का आग्रह किया गया है। इस कार्यक्रम को युवोदय के स्वयं सेवक, मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से सम्पन्न कराया जाएगा। अभियान के अंतिम दिन 17 जनवरी 2021 को कुपोषित बच्चों के अभिभावक समेत ग्रामवासियों द्वारा भी अपने-अपने ग्राम में सायकल चालन का कार्य किया जाएगा तथा ग्रामीण स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन तय किया गया है। इस कार्यक्रम का मूल भाव अभिभावकों के मध्य कुपोषण से हानि एवं सुपोषण से होने वाले लाभ का संदेश पहुंचाना है तथा उनमें जागरूकता उत्पन्न करना है। इसमें कुपोषित बच्चों के अभिभावकों द्वारा शपथ ग्रहण किया जायेगा कि वे अपने बच्चों को सुपोषित करने हेतु आवश्यक सभी सभी कदम उठायेंगे तथा निश्चित अवधि में अपने बच्चों को सुपोषित करेंगे। इसमें प्रमुख रूप से बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराना उनके खान-पान में परिवर्तन लाया जाना आदि सम्मिलित है।