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पशुधन के प्रति संवेदनशीलता, सेवा भावना का विकास करें : महंत डॉ.रामसुंदर दास

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छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामसुंदर दास महंत ने कहा कि जांजगीर जिला कृषि प्रधान जिला है। यहां की 80 प्रतिशत से अधिक जमीन सिंचित है। पशुधन का कृषि और हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने पशुधन के प्रति संवेदना और सेवा भावना विकसित करने की आवश्यकता बताई। कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर  यशवंत कुमार सहित समिति के सदस्य अधिकारी, गौ सेवा संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे। डॉ.महंत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गौठान और गोधन न्याय योजना शुरू करने से पशुओं की सेवा के प्रति पालकों का ध्यान केंद्रित हुआ है। उन्होंने कहा कि गाय को हम गौमाता कह कर संबोधित करते हैं लेकिन व्यवहार से हमारा आचरण वैसा नहीं होता। उन्होंने पशुओं को लावारिस पशु संबोधित करने पर भी अपनी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना से सड़क दुर्घटनाएं कम हुई है लेकिन अब भी पशुओं के व्यवस्थापन उनके खान पान और चिकित्सा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने गायों की तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता बताई। डॉ.महंत ने पशुओं के प्रति सेवा भावना जागृत करने विभिन्न माध्यमों से स्कूलों में व्यापक प्रचार प्रसार की आवश्यकता बताई ताकि आने वाली पीढ़ी को गोधन के महत्व से अवगत कराया जा सके।


कलेक्टर  यशवंत कुमार ने जिले में गौ सेवा एवं उनके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रशासनिक कार्यों की जानकारी दी। कलेक्टर ने पशुओं की सेवा कार्य में संलग्न चांपा के प्रयास सेवा संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए संस्थान की मांग पर पशु सेवा के लिए चांपा अथवा उनके आसपास जमीन उपलब्ध कराने की बात कही। बैठक में उपस्थित प्रयास सेवा संस्थान के संस्थापक पवन यादव ने बताया कि उनके संस्थान से जुड़े सदस्यों द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल पशुओं के प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाती है। उनके लिए चारे, पानी, दवा आदि की व्यवस्था की जाती है। बैठक में अपर कलेक्टर पैकरा, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं पटेल सहित अन्य सदस्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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