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संभाग के जिलों में हल्बी, गोंड़ी, छत्तीसगढ़ी में किया जा रहा है शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार

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राज्य सरकार ने अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को आदिवासियों और वनवासियों तक पहुंचाने के लिए उन्हीं की बोली में सहज और सरल ढंग से पहुंचाने की अनूठी पहल की है। इसके अन्तर्गत कला जत्था दल हाट-बाजारों में जाकर राज्य शासन की प्रमुख योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना सहित अन्य शासकीय योजनाओं से जुड़ने और उनका लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने के लिए स्थानीय बोली में लोगों को नाट्य और नृत्य शैली में सहज ढंग से प्रस्तुत कर रहे हैं।  

राज्य सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों में स्थानीय कलाजत्थों के माध्यम से स्थानीय बोलियों जैसे हल्बी, गोण्डी और भतरी के साथ छत्तीसगढ़ी में सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। स्थानीय बोलियों में गीत, संगीत, लोकनृत्य और नाटक के माध्यम से कला जत्थों द्वारा प्रस्तुुत किए गए कार्यक्रम ग्रामीणों को न केवल आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। योजनाओं के प्रचार-प्रसार में स्थानीय लोगों को जोड़ने के लिए स्थानीय संस्कृति, परम्परा, नृत्य और नाट्य शैली में कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। स्थानीय संस्कृति, नाट्य, प्रहसन के बीच में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी रोचक ढंग से लोगों को दी जा रही है। इसके अन्तर्गत बस्तर संभाग के छह जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कोण्डागांव और नारायणपुर जिले के हाट-बाजारों में कला जत्थों द्वारा हल्बी और गोंण्डी में तथा कांकेर जिले में छत्तीसगढ़ी में योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। कला जत्था दलों के द्वारा जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विभागीय योजनाओं की प्रचार सामग्रीयों का वितरण निःशुल्क किया जा रहा है।