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टिकट बंटवारे पर अमित शाह और वसुंधरा राजे में रार, उम्मीदवारों पर फिर अटका फैसला, भाजपा अध्यक्ष ने थमाए 6 सवाल

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राजस्थान विधान सभा चुनाव में टिकट बंटवारे पर भी राज्य की सीएम वसुंधरा राजे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच रार की खबरे हैं। जयपुर, अजमेर और बीकानेर संभाग में टिकट बंटवारे पर बुलाई गई बैठक में जहां पार्टी अध्यक्ष ने दो टूक लहजे में कहा कि पार्टी उसी उम्मीदवार को टिकट देगी जो चुनाव जीत सकता है। वहीं वसुंधरा राजे ने कहा कि पार्टी में सबको साथ लेकर चलना होगा, जो लोग लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे हैं, उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। हालांकि, शाह ने कहा कि राज्य में दोबारा सरकार बनानी है तो किसी को ऑब्लाइज करने का फार्मूला छोड़ देना चाहिए। इतना ही नहीं, शाह ने ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर ही उम्मीदवार तय करने के निर्देश दिए जबकि वसुंधरा प्रदेश भाजपा द्वारा तैयार पैनल में सभी संभावित उम्मीदवारों के पक्ष में खड़ी रहीं।

सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में अमित शाह ने पार्टी पदाधिकारियों से हर सीट पर जातिगत आंकड़े, पिछले पांच साल में वहां हुए काम, पिछले विधान सभा चुनाव (2013) के मतदान का रुख, मौजूदा राजनीतिक और जातीय समीकरण समेत छह प्वाइंट पर विधान सभा वार विस्तृत विवरण मांगा है। पार्टी अध्यक्ष ने यह भी पूछा है कि जिसका टिकट काटोगे उसे कैसे खुश रख सकोगे? दरअसल, शाह राजस्थान के नेताओं के साथ हरेक विधान सभा सीट पर विस्तृत चर्चा करना चाहते हैं, ताकि वहां जीत की संभावना तलाशी जा सके। माना जा रहा है कि अब दीवाली बाद पार्टी के नेता विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर फिर शाह के साथ बैठक करेंगे। बता दें कि भाजपा ने राजस्थान की सभी 200 विधान सभा सीटों पर ग्राउंड सर्वे कराया है। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी 6 मंत्रियों समेत करीब 70 मौजूदा विधायकों का टिकट काट सकती है। शाह ने बैठक में साफ कर दिया है कि हारने की सूरत में पार्टी मंत्रियों का भी टिकट काटने में पीछे नहीं रहेगी। इसके अलावा शाह ने यह भी साफ किया है कि अगर किसी सीट पर किसी परिवार के सीनियर मेंबर की जीत की संभावना कम है तो उस पर परिवार के किसी युवा को भी टिकट नहीं दिया जा सकता है। राज्य में सात दिसंबर को चुनाव होने हैं। 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने हैं।