3 November 2018
इस संपादकीय में मंै कुछ प्री पोल सर्वे की चर्चा करूंगा जो दो सर्वे आज के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए हैं और दो सर्वे कल भी प्रकाशित हुए थे।
इन सभी प्री पोल सर्वे में माना गया है कि पीएम मोदी अभी भी जनता के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री के रूप में हैं।
इन सब सर्वे की चर्चा करते समय मुझे महाभारत के एक वाकया का स्मरण हो रहा है। कृष्ण भगवान के पास कौरव और पांडव दोनों सहायता के लिये एक ही समय पहुंचे। उस समय कृष्ण भगवान ने कौरवों से पूछा कि वे मेरी अकेले की सहायता चाहते हैं या मेरी विराट सेना की सहायता प्राप्त करना चाहते हैं। इस पर कौरवों ने तुरंत विराट सेना मांग ली। पांडवों से पूछा गया तो उन्होंने कहा की हमें विराट सेना नहीं सिर्फ आप सिर्फ कृष्ण भगवान ही चाहिये।
इसी प्रकार से जनता के दरबार में विपक्ष और भाजपा दोनों भिक्षा मांग रहे हैं २०१९ लोकसभा चुनाव के लिये। नेतृत्वहीन विपक्ष महागठबंधन के रूप में अपने आपको प्रस्तुत कर रहा है। जबकि भाजपा का कहना है कि उन्हें दस सिर वाले रावण के समान या कौरवों द्वारा इक_ी की गई अपार सेना की नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी के रूप में कृष्ण का मार्गदर्शन चाहिये।
प्रधानमंत्री पद के लिए 63 त्न लोगों की पंसद मोदी: ऑनलाइन सर्वे
ऑनलाइन सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले देश और विदेश के 63 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अपना ‘भरोसाÓ प्रकट किया जबकि 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी के दूसरे कार्यकाल से देश को बेहतर भविष्य मिलेगा। न्यूज पोर्टल ‘डेलीहंटÓ और डेटा विश्लेषण करने वाली कंपनी ‘नील्सन इंडियाÓ ने एक बयान में दावा किया है कि उनका सर्वेक्षण देश और विदेश के 54 लाख लोगों के विचारों पर आधारित है।
इसी प्रकार से आज समाचार पत्रों में एक अनुमान कांग्रेस का भी प्रकाशित हुआ है जिसके अनुसार भी पीएम मोदी भारत में अभी भी जनता के बीच सबसे अधिक प्रिय हंै। परंतु राहुल भी उनके निकटतम थोड़े से कम अंतर पर हैं।
कल दो प्री–पोल सर्वे समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए थे। एक सर्वे टाईम्स नाऊ और सीएनएक्स का था जिसके अनुसार राजस्थान में अभी चुनाव नवंबर में हों तो सर्वे के अनुसार राजस्थान के ७९ प्रतिशत लोग मोदी को और २३ प्रतिशत राहुल को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।
दूसरा सर्वे रिपब्लिक व सीवोटर के अनुसार उत्तरप्रदेश में अभी चुनाव हों तो परिणाम ये होंगे?
यूपीए – 7.9
एनडीए – 43.9
ओटीएच – 3.5
सीट शेयर परियोजना
एनडीए – 31
यूपीए – 5
अन्य – 44
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