डायल 112 की सुविधा के जरिए आपातकालीन स्थिति में फंसे लोगों को काफी राहत मिली है। टीम की सक्रियता के चलते 94690 महिलाओं एवं बच्चों को समय पर असुरक्षित स्थिति से सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने पर अहम भूमिका का निर्वहन हुआ है। उक्ताशय की जानकारी स्पेशल डीजी आरके विज ने 112 भवन पुलिस नियंत्रण कक्ष सिविल लाईन रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। पत्रकारवार्ता में डीजी विज ने बताया कि हर तरह के मामलों में 112 की टीम ने आपसी समन्वय बनाकर 11 जिलों में लोगों को राहत पहुंचाई है। आने वाले समय में 17 और जिलों में 112 की सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए अंतिम स्तर पर कार्य जारी है। विज ने बताया कि तीन प्रकार की सेवाएं 112 के माध्यम से मिलती है। स्थापना काल से ही 65 लाख टेलीफोन काल सेंटरों में अब तक आए हर मैसेज पर गंभीरता से श्रवण कर उक्त मैसेज देने वाले को सहायता देने में पुलिस की टीम ने एक मिनट भी देरी नहीं की है। उन्होंने बताया कि 65 लाख टेलीफोन काल सेंटरों के जरिए 10 लाख और जुड़े हैं जो पुलिस की कार्यप्रणाली से संबंधित है।
उन्होंने बताया कि साढ़े नौ लाख प्रकरणों में गाड़ी तत्काल घटनास्थल पर पहुंची है। धान उपार्जन केन्द्रों को भी डायल 112 से जोडऩे की मुख्यमंत्री की कार्ययोजना पर त्वरित प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में किसान धान बेचने से संबंधित आने वाली समस्याओं को काल सेंटरों के माध्यम से संबंधित विभाग तक तत्काल पहुंचाने में सफल होंगे। 112 ने अल्प समय में ही अपने कार्यों से लोगों के बीच अच्छी छवि बनाई है। आज समस्या आने पर लोग थाने पहुंचने के बजाए 112 के जरिए ही तत्काल राहत पा रहे हैं। यह सेवा आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। वे 112 के जरिए और अधिक लोगों तक टीम के माध्यम से मदद पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित हैं। पत्रकारवार्ता में डायल 112 के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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