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क्या रमन सिंह संभालेंगे चौथी बार प्रदेश की कमान

छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका है और सारी पार्टियां चुनावी रंग में रंगने लगी हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की बात करें तो इसे सरकार के किए हुए कामों का इनाम कहें या रमन सिंह का व्यक्तित्व कि वहां लगातार तीन कार्यकाल से बीजेपी के रमन सिंह ही सत्ता की कमान संभाले हुए हैं और चौथी बार भी जीतने का दम भर रहे हैं। एक निगाह डालते हैं रमन सिंह के राजनैतिक और पारिवारिक जीवन और उनसे जुड़े तमाम छुए अनछुए पहलुओं पर….

छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद हुए पहले चुनाव में वहां बीजेपी का परचम लहराया और 2003 में मुख्यमंत्री बनने के बाद रमन सिंह ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार राज्य में बीजेपी का झंडा बुलंद किए हुए हैं। 15 अक्टूबर 1952 को कवर्धा में जन्मे रमन सिंह लगातार तीन बार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं।

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रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। उसके बाद सन् 1999 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गये। 1999 में हुए राजनंदगांव, छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनावों में जीत मिलने के बाद उनके राजनैतिक कॅरियर को एक नया आयाम मिल गया। उस वक्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने उन्हें अपनी सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री बनाया। 2003 में हुये विधानसभा के चुनावों में उन्होंने सफलता पाई और छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री बने। साल 2000 में मध्यप्रदेश से अलग कर नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ का निर्माण किया गया था बीजेपी ने रमन सिंह को छत्तीसगढ़ में पार्टी के नेता के रूप में नामित किया और उन्होंने 2003 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। रमन सिंह को वहां पीडीएस सिस्टम मजबूत करने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है।

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फिर 2008 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने फिर से सफलता पायी और राज्य के पुनः मुख्यमंत्री बने। तीसरी बार वे 2013 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री चुने गये और अब 2018 में फिर से चुनाव में खम ठोक रहे हैं। 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य का पहला चुनाव होना तय हुआ तो बीजेपी में ऐसे चेहरे की तलाश हुई की गई जो पार्टी को चुनावी समर में विजय दिला सके।

कहा जाता है कि ये तलाश रमन सिंह के रूप में पूरी हुई और पहली बार में बीजेपी को छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली। एक दिसम्बर 2003 को रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने जिसके बाद से वे अभी तक उन्होंने हर चुनाव में इस सिलसिले को बरकरार रखा है। रमन सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य के तौर पर की थी। आयुर्वेदिक मेडिसिन में बी.ए.एम.एस. की उपाधि प्राप्त की। रमन सिंह के परिवार में पत्नी वीना सिंह और दो बच्चे हैं।

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कहा जाता है कि सरकारी नीतियों और योजनाओं को लागू करने में होने वाले भ्रष्टाचार को कम करने और लोगों को इस ओर जागरुक करने के लिए भी रमन सिंह ने बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, शायद यही वजह है कि वो लगातार जीत का स्वाद चख रहे हैं और रमन सिंह लंबे समय मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेताओं में से एक हैं। लगातार सफलता से पार्टी में उनका कद भी बढ़ता गया और आने वाले चुनाव में उनके सामने चुनौती है कि वह राज्य में फिर पार्टी को विजयश्री दिलवाएं।

2018 चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नामांकन भर चुके मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव और प्रदेश की जनता का प्यार बीजेपी को हमेशा मिलता रहा है और आगे भी मिलेगा। डॉ. रमन ने कहा कि ‘इस बार भी हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे और मिशन 65 का टारगेट पूरा करने में सफल होंगे। छत्तीसगढ़ का चुनाव पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।’